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अंतर्राज्यीय सीमाओं पर 50 से 100 बेड के अस्पताल बनेंगे: ब्रजेश पाठक


रोगियों को घर के पास उपचार उपलब्ध कराने कवायद
अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा


लखनऊ।
यूपी के ऐसे सीमावर्ती जिलें जिनमें उपचार के संसाधन कम हैं। अस्पतालों की संख्या पर्याप्त नहीं है। अब ऐसे इलाके के लोगों को उपचार के लिए दूसरे बड़े जिलों तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। उन्हें घर के नजदीक इलाज मिल सकेगा। प्रदेश सरकार ने अन्तरराज्यीय सीमाओं पर अस्पताल बनाने का फैसला किया है। इसकी कवायद शुरू हो गई है। अस्पतालों की संख्या, संसाधन व दूसरे मानकों का खाका तैयार किया जा रहा है।

50 से 100 बेड के बनेंगे अस्पताल
रोगियों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए अन्तरराज्यीय सीमाओं पर अस्पताल बनाये जायेंगे। 50 से 100 बेड की क्षमता वाले अस्पताल बनाये जायेंगे। खासबात है कि बीमारी के हिसाब से अस्पतालों में संसाधन जुटाए जायेंगे। जरूरत के हिसाब से दवाएं, विशेषज्ञ और उपकरण भी स्थापित किये जायेंगे। मसलन तराई इलाकों में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप रहता है। लिहाजा वहां डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया से निपटने के संसाधनों पर अधिक जोर होगा। इसी तरह संक्रामक रोग, गॉल ब्लेडर में पथरी व दूसरी गंभीर बीमारियों का इलाज भी इन अस्पतालों में होगा।

मुफ्त मिलेगा इलाज
सड़क दुघर्टना की दशा में घायलों को प्राथमिक स्तर का इलाज भी इन अस्पतालों में होगा। पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, मेडिसिन, हड्डी, सर्जरी समेत दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती होगी। पैरामेडिकल व अन्य श्रेणी के कर्मी भी तैनात होंगे। इन अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा। डॉक्टर की सलाह से लेकर जांच की सुविधा फ्री उपलब्ध कराई जाएगी।

बयान
हाईवे पर बहुउद्देयशीय हब भी बनेंगे। इनमें अस्पताल भी खुलेंगे। ताकि अधिक से अधिक लोगों को इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। स्वास्थ्य विभाग का ढ़ांचा और मजबूत कर मरीजों को राहत दी जाएगी। डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। ताकि छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को शहर के बड़े अस्पतालों तक दौड़ न लगानी पड़े। इससे बड़े अस्पतालों में छोटी बीमारियों से पीड़ितों की संख्या में कमी आएगी। गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज भी मिल सकेगा।

ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री

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