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योगी सरकार की राह पर CM गहलोत, पेपर लीक मास्टरमाइंड के कोचिंग सेंटर पर चलाया बुलडोजर

अब घर की बारी, लेकिन आरोपी को अभी तक नही पकड़ पाई पुलिस

जयपुर ! सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के जयपुर में अजमेर रोड स्थित आलीशान मकान पर अब जयपुर विकास प्राधिकरण का बुलडोजर चल सकता है. मकान में किए गए अवैध निर्माण को लेकर आज जेडीए एनफोर्समेंट टीम के अधिकारी मौके पर पहुंचे.

उन्होंने टेक्निकल टीम से मकान की जांच करवाई, जिसके बाद टीम ने धारा 32 के तहत अवैध निर्माण करने और उसे हटाने के लिए नोटिस जारी किया. जेडीए ने मकान मालिक भूपेन्द्र सारण और गोपाल सारण के नाम नोटिस जारी करते हुए उन्हें 12 जनवरी तक जवाब पेश करने के लिए कहा है. जवाब पेश नहीं करने या संतोषजनक जवाब पेश नहीं करने पर जेडीए 13 जनवरी को यहां तोड़फोड़ की कार्रवाई कर सकता है.

इधर, जेडीए की एक दूसरी टीम पेपर लीक मामले के दूसरे मास्टरमाइंड सुरेश ढाका के यहां पहुंची. ढाका ने चित्रकूट वैशाली नगर स्थित नेमीसागर कॉलोनी में एक लग्जरी फ्लैट ले रखा है. आशापूर्ण एम्पायर में लिया गया ये फ्लैट ढाका ने अपने पिता मांगीलाल के नाम से खरीद रखा है. जेडीए की टीम अब इस फ्लैट के निर्माण और उसकी जांच-पड़ताल के लिए भी मौके पर पहुंची.

इससे पहले जेडीए ने कल इसी मास्टरमाइंड के कोचिंग सेंटर पर बड़ा एक्शन लिया था. जयपुर में गुर्जर की थड़ी स्थित अधिगम कोचिंग सेंटर की 5 मंजिला बिल्डिंग को जेडीए ने जमींदोज कर दिया था. हालांकि ये कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग का मालिक दूसरा था, जबकि भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका, धर्मेन्द्र चौधरी और एक अन्य व्यक्ति मिलकर इस कोचिंग सेंटर को संचालित कर रहे थे. भूपेन्द्र और सुरेश को पुलिस ने सीनियर भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मास्टरमाइंड मानते हुए उनके खिलाफ एक्शन लिया है.

बिल्डिंग तो ढहा दी, लेकिन मास्टरमाइंड सारण और ढाका पर 25-25 हजार रु. इनाम के बावजूद सरकारी एजेंसियां 19 दिन बाद भी इन्हें ढूंढ नहीं पाईं. इसके अलावा जयपुर में ही इनकी 5 करोड़ रुपए की संपत्ति ‘अछूती’ है. नकल के दिन ही दोनों जयपुर से नेपाल भाग गए. पुलिस से जुड़े सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. दोनों ने पुलिस से बचने के लिए जयपुर से निकलने से पहले मोबाइल बंद कर दिए और रास्ते में कई वाहन बदले. टोल और नेपाल बॉर्डर के सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को इनके भागने के रूट का इनपुट मिला है. इसमें मदद करने वालों की पहचान हुई है.

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