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CM योगी ने 29 OBC मंत्रियों को दी चुनावी जिम्मेदारी, पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों पर पूरा फोकस

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी लहर कायम रखने के लिए बीजेपी का पूरा फोकस ओबीसी और एम ओबीसी (अति पिछड़ी जाति) जातियों पर है. इसके लिए सीएम योगी ने अपने मंत्रियों को आदेश दे दिए हैं.

75 जिलों में 75 ओबीसी सम्मेलन

यूपी में बीजेपी सभी 75 जिलों में 75 ओबीसी सम्मेलन करने की तैयारी में है. ये सम्मेलन पितृपक्ष के बाद नवरात्र के शुभ दिनों में शुरू हो जायेगा. इस ओबीसी सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार के पिछड़े वर्ग के मंत्री शामिल होंगे. और अपनी जाति के लोगों को साधने का काम करेंगे. बतादें कि योगी कैबिनेट में कुल मंत्रियों की संख्या 60 है और इनमें 29 ओबीसी मंत्री हैं. इन 29 मंत्रियों को ही इस सम्मेलन को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.

ओबीसी मंत्री अपने वर्ग के लोगों को साधेंगे

इस ओबीसी सम्‍मेलन में योगी सरकार के ओबीसी मंत्री अपने वर्ग के लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में बताएंगे. केंद्र और उत्तर-प्रदेश की सरकार ने ओबीसी और एम ओबीसी (अति पिछड़ी जाति) जातियों के लिए क्या किया है ये भी लोगों को बताया जायेगा. देखा जाए तो हर जिले में पिछड़े वर्ग की संख्या एक बराबर नहीं है. कई जिलों में कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर पिछड़े वर्ग की संख्या ज्यादा है. इसलिए उन्हीं इलाकों में इन सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा.

ओबीसी और एम ओबीसी (अति पिछड़ी जाति) जातियों पर पूरा फोकस

बतादें कि ओबीसी में शामिल बंजारा, बारी, बियार, नट, कुजड़ा, नायक, कहार, गोंड, सविता, धीवर, आरख जैसी बहुत कम आबादी वाली जातियों की गोलबंदी आगामी चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकती है. क्योंकि ये वो जातियां हैं जिन्हें पिछड़े वर्ग में कुछ बड़ी आबादी वाली जातियां अपनी उप जातियां भी बताती हैं. इसलिए बीजेपी का पूरा फोकस ओबीसी और एम ओबीसी (अति पिछड़ी जाति) जातियों पर ही है.

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