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रूट कैनाल में की गयी लापरवाही से दांत के हमेशा खराब होने का खतरा : डॉ.गोपाल कृष्णा


लखनऊ डेंटल एसोसिएशन की ओर से इंडोडॉटिक अपडेट सीएमई संपन्न


लखनऊ । दांतों के इलाज के दौरान अगर रूट कैनाल में की गयी लापरवाही से दांत के हमेशा खराब होने का खतरा रहता है। ऐसे में कुछ नयी तकनीक ऐसी आयी हैं जिनसे न केवल रूट कैनाल सही तरीके से किया जा सकता है बल्कि दांत भी पूरी तरह से सही हो जाता है। यह जानकारी रविवार को राम चंद्र इंस्टीट्यूट आॅफ हायर एजूकेशन, चैन्नई से आए प्रो. डॉ. वी गोपाल कृष्णा ने दी।

अल्ट्रासोनिक सर्जरी से अब दांत बचाना हुआ आसान

आशियाना स्थित चांसलर क्लब में लखनऊ डेंटल एसोसिएशन की ओर से आयोजित इंडोडॉटिक अपडेट में डॉ. कृष्णा ने कहा कि जब दांतों के नसों में बैक्टीरिया का हमला होता है तो ऐसे में रूट कैनाल के जरिए ही दांत को सही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रूट कैनाल के दौरान करीब 20 प्रतिशत मामलों में बैक्टीरिया नहीं जाता। उन्होंने कहा कि बहुत से दंत चिकित्सकों को रूट कैनाल तकनीक की सही जानकारी नहीं होने की वजह से भी ऐसा होता है। डॉ. कृष्णा ने रूट कैनाल के लिए शुरू की गयी अल्ट्रासोनिक सर्जरी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके जरिए अब रूट कैनाल न केवल पूरी तरह से सुरक्षित हो गया है बल्कि इससे दांत भी कभी खराब नहीं होते। कार्यक्रम में लखनऊ डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष खरे, सचिव डॉ. रमेश भारती, डॉ. अरविंदर सिंह, केजीएमयू के डॉ. एपी टिक्कू व डॉ. सुधीर कपूर समेत 200 डॉक्टरों ने भाग लिया। डॉ. कृष्णा ने इस दौरान अल्ट्रासोनिक सर्जरी का प्रशिक्षण भी दिया।

डॉ. चंद्रा के परिवार को किया सम्मानित
केजीएमयू के डीन डेंटल स्व.डॉ. अनिल चंद्रा की याद में लखनऊ इंडोडॉटिक अपडेट सीएमई का आयोजन किया गया था। स्व. डॉ. चंद्रा का कुछ माह पूर्व कोरोना से निधन हो गया था। उन्होंने लखनऊ व आसपास के जिलों के सैकड़ों डॉक्टरों को कोरोना से बचाव करते हुए सर्जरी का प्रशिक्षण दिया था। पर खुद पीड़ित होने के बाद उनकी जान नहीं बचायी जा सकी थी। लखनऊ डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष खरे व अन्य ने डॉ. चंद्रा की मां व पत्नी डॉ. संगीता चंद्रा को इस दौरान सम्मानित किया। डॉ. संगीता चंद्रा संस्थान में खुद एक वैज्ञानिक भी हैं।

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