जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन में सेना को बड़ी कामयाबी मिली है. सेना ने भारत में घुसपैठ कर रहे एक पाकिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार किया है.
10 दिनों में 3 साजिशें नाकाम
पकड़े गए आतंकी की पहचान बाबर के रूप में हुई है. इस आतंकी के पास से एक एके-47 राइफल, दो ग्रेनेड एक रेडियो सेट बरामद हुआ है. 19 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने बताया कि 10 दिनों में आतंकी घुसपैठ की 3 साजिशों को नाकाम किया गया है. सेना ने 7 दिनों में 7 आतंकियों को मार गिराया है. आतंकी घुसपैठ की जानकारी मिलने पर ये सर्च ऑपरेशन 18 सितंबर को शुरू किया गया था. इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ भी हुई. 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडेय ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. सेना हर तरह की साजिशों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
पकडे गए आतंकवादी अली बाबर ने किया खुलासा
पकडे गए आतंकवादी अली बाबर ने पूछताछ में खुलासा करते हुए बताया कि उसके छह आतंकवादियों का समूह मुख्य रूप से पाकिस्तानी पंजाब का था. गरीबी के कारण उसे गुमराह किया गया था. इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने के लिए लालच दिया गया. मां के इलाज के लिए 20 हजार रुपये आतंकियों की ओर से दिए गए और 30 हजार रुपये देने का वादा भी किया गया था. एक बड़ा खुलासा करते हुए उसने बताया कि उसे हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी सेना के जवान थे. उसे इस्लाम और मुसलमान के नाम पर उकसाया गया, साथ ही आतंकवादी बनने पर मजबूर किया गया था.
बतादें कि इससे पहले 25 सितंबर को उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा स्थित वाटनिरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सहित दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान आजाद शाह और आबिद हक्कानी के रूप में हुई है. आतंकी आबिद लश्कर-ए-तैयबा संगठन का जिला कमांडर था और आतंकी आजाद भाजपा नेताओं की हत्या में शामिल था.