योगी कैबिनेट में 7 नए मंत्रियों ने ली शपथ, जातीय समीकरणों को साधने की तैयारी
योगी सरकार का दूसरी बार कैबिनेट विस्तार हो गया है. इसमें 7 नए मंत्रियों ने शपथ ली है. नए मंत्रियों में एक ब्राह्मण चेहरा है, बाकी 3 ओबीसी, दो दलित, एक एसटी हैं.
जितिन प्रसाद बनेंगे कैबिनेट मंत्री
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई. सबसे पहले जितिन प्रसाद ने शपथ ली. जितिन तीन महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे. जितिन प्रसाद पहली बार 2004 में अपने गृह क्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव जीते थे. अब योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे. इसके बाद 6 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली, जो 6 राज्य मंत्री होंगे.
6 अन्य मंत्रियों ने भी ली शपथ
दूसरे नंबर पर छत्रपाल गंगवार ने शपथ ली. ये बरेली के बहेड़ी से विधायक हैं. ये कुर्मी समाज से आते हैं. चुनाव के समय ये रुहेलखंड क्षेत्र को कवर करेंगे.
तीसरे नंबर पर पलटू राम ने शपथ ली. ये बलरामपुर से दलित समुदाय से आते हैं. 2017 में पहली बार जीते थे.
चौथे नंबर पर संगीता बिंद ने शपथ ली. ये पहली बार विधायक चुनी गई हैं. गाजीपुर सदर सीट से पिछड़ी जाति से आती हैं. उन्होंने छात्र राजनीति भी की है.
पांचवे नंबर पर संजीव कुमार ने शपथ ली. ये सोनभद्र के ओबरा सीट से विधायक हैं साथ ही अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं. ये आदिवासी समुदाय से आते हैं.
छठे नंबर पर दिनेश खटीक ने शपथ ली. ये मेरठ के हस्तिनापुर सीट से विधायक हैं. खटीक (सोनकर) समाज दलित समुदाय से आते हैं. पश्चिम यूपी से मंत्री बने हैं.
सांतवें नंबर पर धर्मवीर प्रजापति ने शपथ ली. ये हाथरस से आते हैं. विधान परिषद सदस्य हैं. माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.
7 मंत्री पद खाली थे
इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार किया था. उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे. कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो गया है. जिसके बाद 53 मंत्री बचे थे. UP में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है. इस हिसाब से 7 मंत्री पद खाली थे. अब इन नए 7 मंत्रियों को मिलाकर UP में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 60 हो गई है.
जातीय समीकरणों को साधने की तैयारी
बीजेपी की पहली प्राथमिकता जातीय समीकरणों को साधने की है. राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि 2017 में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के पीछे UP का जातीय समीकरण था. पिछले बार BJP को UP में सभी जातियों का साथ मिला था, बीजेपी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 325 सीटें जीती थीं. माना जाता है कि BJP की इस बड़ी जीत में गैर यादव OBC का बड़ा हाथ था. क्योंकि UP में OBC करीब 40% हैं जो यूपी की सियासत में बहुत महत्व रखते हैं. दलित वर्ग कुल आबादी का करीब 21% है. इसके बाद 20% अगड़ी जातियों का नंबर आता है. इसमें सबसे ज्यादा 11% ब्राह्मण, 6% ठाकुर और 3% कायस्थ और वैश्य हैं.