बहुत कठिन है, 30 रुपए में एक जानवर को भूसा, हरा चारा, गुड़, चना और चिकित्सकीय परीक्षण
लखनऊ। यह कौन नहीं जानता ? कि गाय पूजनीय होती है। पौने 5 साल तक मोदी ने गाय का नाम तक नही लिया और प्रदेश की गौशालाओं में गायों पर हो रहें अत्याचार पर ध्यान नही दिया है। अब जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव में तो मोदी को गोवर्धन और पशुधन का ख्याल आया है। जबकि मोदी को बताना चाहिए की गौशालाओं में गायों की बदहाली के लिए उप्र सरकार ने क्या-क्या किया है।
प्रियंका गांधी ने पशुधन संवर्धन की बात की तो मोदी, योगी को गायों का ख्याल आया है
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पीएम मोदी पर तंज सकते हुए योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि योगी सरकार ने एक जानवर के लिए केवल 30 रुपए आवंटित किए। इसी 30 रुपए में जानवर को भूसा, हरा चारा, गुड़, चना और चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना होता है। जो कि इतने कम धन में बहुत कठिन है। इस लिए उस 30 रू में भी खूब भ्रष्टाचार हो रहा है। जानवरों की फर्जी संख्या दिखाकर ज्यादा बिल बनाया जाता है। उपलब्ध जानवरों को खराब अनाज और चारा दिया जाता है, जिसकी वजह से जानवर कमजोर हो जाते हैं और अंत में मर जाते हैं। मृत जानवर को उठाया नहीं जाता, ठीक से दफनाया भी नहीं जाता। आवारा कुत्ते कमजोर जानवरों को जीवित रहते ही खाने लगते हैं। पशु डॉक्टर फीस तो लेते हैं, मगर जानवरों को देखने नहीं जाते। जिस वजह से गायें गौशालाओं में मरने को मजबूर हैं।
बजट में गायों का ख्याल कम और भ्रष्टाचार पर ज्यादा ध्यान दिया गया
योगी सरकार ने गौशालाओं के लिए जो बजट आवंटित किया, उस बजट में गायों का ख्याल कम और भ्रष्टाचार पर ज्यादा ध्यान दिया गया। श्री लल्लू ने कहा कि आज जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर पशुधन के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल लागू करने की बात करीं। जिसमें गोबर खरीद की बात है, और गायों की बदहाली दूर करने की बात कर रही हैं। गायों के लिए पराली खरीद का आश्वासन किसानों को दे रही है ताकि किसान पशु को खुला ना छोड़ें और पशु के अंतिम समय तक उससे लाभ कमाएं। तब मोदी और योगी को भी गाय की याद आने लगी।