केजीएमयू छोंड़कर जा रहें विशेषज्ञ चिकित्सक …गेस्ट्रो सर्जरी से चले गए 5 चिकित्सक, खाली हो गये विभाग
केजीएमयू के चिकित्सकों की बड़ी डिमांड रहती है
लखनऊ। सरकार से उपेक्षा या केजीएमयू की आंतरिक राजनीति, कोई तो कारण है कि केजीएमयू से विशेषज्ञ चिकित्सकों का पलायन हो रहा है। बीते दिनों करीब दर्जन भर चिकित्सकों ने केजीएमयू की सेवाएं त्याग कर, निजी संस्थानों में ठिकाना बना लिया है। छोड़ने वालों में अकेले गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के ही पांच चिकित्सकों ने केजीएमयू छोंड़ दिया है। ताजा मामला डॉ. संदीप वर्मा का है, जिन्होंने इसी सप्ताह केजीएमयू से त्यागपत्र दिया है और मेदांता में सेवाएं शुरु कर दी।
केजीएमयू के चिकित्सकों की बड़ी डिमांड रहती है
ज्ञातव्य हो कि केजीएमयू में सेवारत चिकित्सकों के पास कुशलता के साथ ही मरीजों को देखने का लंबा अनुभव होता है। जिसकी वजह से प्राइवेट सेक्टर में केजीएमयू के चिकित्सकों की बड़ी डिमांड रहती है। मुहमांगे वेतन पर भी निजी संस्थान नौकरी देने को तैयार रहते हैं। उक्त क्रम में अबतक तमाम चिकित्सकों ने केजीएमयू से विदा ले ली। छोड़ने वालों में गेस्ट्रो सर्जरी विभाग की बात करें तो डॉ.संदीप वर्मा, डॉ.प्रदीप जोशी, डॉ.साकेत व डॉ.विशाल गुप्ता एवं मेडिसिन के डॉ.मधुकर मित्तल हैं। डॉ मनमीत सिंह के बाद नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.संत पाण्डेय के जाने से विभाग खाली हो गया। न्यूरो में डॉ.अनूप जायसवाल, डॉ.सुनील सिंह, डॉ.विजयंत, गठिया विभाग के एचओडी डॉ.अनुपम वाखलू स्वयं, छोंड़कर अपोलों हास्पिटल चले गये हैं। इसके अलावा कई यूरो सर्जन डॉ. दिवाकर दलेला समेत कई चिकित्सक हैं जिन्होंने केजीएमयू की स्थाई नौकरी छोंड़कर , कानट्रैक्ट पर सेवाएं दे रहें हैं। जिसके बाद उन्हें केवल मरीज देखने हैं, प्रशासनिक या अन्य किसी भी कार्य से कोई वास्ता नही रहता है।
सुविधाएं नही हैं इसलिए जा रहें हैं : डॉ.केके सिंह
शिक्षकों के छोड़ने के संबन्ध में केजीएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.के के सिंह का कहना है कि केजीएमयू में चिकित्सकों को वेतन कम देने के साथ हा भत्तों आदि का •ाुगतान समय पर नही होता है। इसके अलावा मरीजों का अत्यधिक दबाव होने के बावजहूद,सरकार द्वारा चिकित्सकों क अपेक्षित सुविधाएं नही मुहैय्या हैं। जिसकी वजह से चिकित्सक, मोटे पैकेज के साथ प्राइवेट संस्थान ज्वाइन कर रहा है, जहां पर उसे केवल अपनी चिकित्सकीय दक्षता ही सिद्ध करनी होती है। उन्होंने बताया कि गेस्ट्रो सर्जन डॉ.संदीप वर्मा पैक्रियाज की सर्जरी करते थे, उनके जाने से सुविधा बंद हो गई है, गरीब मरीजों का नुकसान होता है। उन्हें इसके लिए प्राइवेट में बहुत रूपये खर्चेने पड़ते हैं।