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पीजीआई से कोई भी मरीज बिना इलाज के न लौटाया जाय :ब्रजेश पाठक

पीजीआई का 40 वां स्थापना दिवस

शहर के अस्पतालों को बीच आपसी सहयोग से करें इलाज

संस्थान परिसर से एक भी मरीज बिना इलाज वापस नहीं जाना चाहिए । बेड नहीं खाली कह कर आप लोग वापस कर देते है । बेड नहीं है तो स्ट्रेचर या एंबुलेंस में ही जा कर प्राथमिक उपचार देने के बाद ही दूसरे जगह जाने की सलाह दें। बहुत उम्मीद लेकर लोग अपने परिजन को लेकर यहां आते है। उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक ने संजय गांधी पीजीआई के 40 वें स्थापना दिवस समारोह में कहा कि एक नोडल व्यवस्था बनाने की जरूरत है। लखनऊ में तीन बडे संस्थान के अलावा कई और सरकारी अस्पताल है यहां बेड नहीं है तो आपनी सामाजस्य से किसी भी दूसरे अस्पताल में इलाज शुरू किया जा सकता है। बृजेश पाय़क ने कहा कि यदि आप लोग दूर जाकर इलाज नहीं कर सकते है तो कम से कम से अस्पताल में आए हर मरीज को भगवान मान कर सेवा और इलाज करें। डाक्टर के लिए अपना और पराया मरीज नहीं होता है । डाक्टरों को अपनी कोशिश करनी चाहिए जीवन और मृत्यु तो इश्वर के हाथ में है। हमारे ऊपर 25 करोड़ लोगों की जवाबदेही । संस्थान को हर स्तर पर मदद कर रहे हैं किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे। राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि अपने लक्ष्य को दो गुना करें। संस्थान से प्रदेश ने निकट के प्रदेश के लोगों की भी काफी अपेक्षा है। कारपोरेट अस्पताल जो डॉक्टर गए उनसे आय बढ़ाने को कहा जाता है डॉक्टर का मरीज देखना है न कि पैसा एकत्र करना। डीन शालीन कुमार ने धन्यवाद प्रस्तुत किया।

एक ही दिन में कराएं सभी जांच

मुख्य वक्ता जन स्वास्थ्य सहयोग के संस्थापक डा. रमन कटारिया ने कहा कि इलाज का खर्च कम करने के लिए मरीज का अस्पताल में स्टे कम करने की जरूरत है। हमने यह किया है एक ही दिन में देखने के बाद सारी जांच कराते है । अगले दिन मरीज को देख कर दवा लिख देते है। दवा की कीमत कम करने के लिए जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। हम छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके में काम करते है देखा कि कुपोणण के कारण टीबी सहित दूसरे बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। देखा टीबी के 58 फीसदी मरीज कुपोषण के शिकार थे।

पीजीआई में लगेगा गामा नाइफ

ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को बिना सर्जरी इलाज देने के लिए संस्थान के न्यूरो सर्जरी को गामा नाइफ की जरूरत है। निदेशक प्रो.आरके धीमान ने कहा कि इसके लिए हम सरकार के स्तर प्रयास रत है । जरूरत पड़ी पीपी मॉडल पर गामा नाइफ लगाया जाएगा। इमरजेंसी के 210 बेड 6 महीने के अंदर क्रियाशील करेंगे। इसके लिए एमडी की सीट भी दो से बढ़ा कर 6 से 10 करेंगे।

एक साल में मरीज

नए पंजीकरण -एक लाख 16 हजार

ओपीडी में सलाह- 8 लाख 30 हजार

भर्ती – 55 हजार

सर्जरी -14 हजार

स्थापना दिवस पर हुआ रक्तदान

स्थापना दिवस कर्मचारी नेता धर्मेश कुमार , तकनीकी अधिकारी अखिलेश कुमार, शिंदे, राम शऱण सहित 25 से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। इस मौके पर क्रिकेट मैच. फल वितरण, वृक्षारोपण सहित कई कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

इनको मिला बेस्ट रिसर्च एवं बेस्ट कर्मचारी का सम्मान

संकाय सदस्य मेडिकल

डा. अंशु श्रीवास्तव- पीडियाट्रिक गैस्ट्रो एन्ट्रोलॉजी

डा. जिया हाशिम – पल्मोनरी मेडिसिन

डा. दुर्गा प्रसन्नता मिश्रा- क्लीनिक इम्यूनोलॉजी

जा. जया कृष्णन- इंडोक्राइनोलॉजी

संकाय सदस्य सर्जरी

डा. गौरव अग्रवाल – इंडो सर्जरी

डा. आशीष कनौजिया- एनेस्थीसिया

डा. वेद प्रकाश मौर्य – न्यूरो सर्जरी

डा. आशुतोष कुमार – न्यूरो सर्जरी

संकया सदस्य वेसिक साइंस

डा. सीपी चतुर्वेदी- हिमोटोलॉजी

डा. रोहित सिन्हा- इंडोक्राइनोलॉजी

डा. निधि तेजन – माइक्रोबायोलॉजी

संकाय सदस्य क्लीनिकल

डा. चिन्मय साहू – माइक्रोबायोलॉजी

डा. कुंतल कांति दास- न्यूरो सर्जरी

डा. अरग्या सामाता- पीडियाट्रिक गैस्ट्रो

छात्र

डा. दर्पण- क्लीनिक इम्यूनोलॉजी

डा. अविनाश डी गौतम- रेडियोलॉजी

डा. अर्चना तिवारी – एंडोक्राइन

डा. नेहा शुक्ला- यूरोलॉजी

डा. दीन दयाल – मॉलिक्यूलर मेडिसिन

डा. अजय चावन- न्यूरोलॉजी

डा. स्पंदना जे – इंडो सर्जरी

डा. तरुण कुमार- पीडियाट्रिक सर्जरी

डा. निखिल सी- क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी

डा. शोर्य सौऱभ- नेफ्रोलॉजी

डा. टूबा क्यूमर- क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी

डा. टीनू सिंह – सीसीएम

डा. रिनीली- इंडो सर्जरी

डा. आशीष रंजन- यूरोलॉजी

डा. नजरीन हमीद – न्यूरो आटोलाजी

डा. पूजा – मेडिकल जेनेटिक्स

डा. प्रगति सक्सेना- हिमोटोलॉजी

डा. सौरव वैश्य – मेडिकल जेनेटिक्स

डा. भारत – न्यूरोलॉजी

डा. विदुषी सिंह- माइक्रोबायोलॉजी

डा. प्राची अग्रवाल- नियोनाटोलॉजी

बेस्ट कर्मचारी , डीएम एमसीएच

महिपाल सिंह – बेस्ट टेक्नोलॉजिस्ट इंडोक्राइनोलॉजी

श्री कुमार पीके- बेस्ट नर्स पीडियाट्रिक सर्जरी

सुनील कुमार – बेस्ट नर्स नियोनेटोलॉजी

डा. शैला फरहीन- बेस्ट एमडी पैथोलॉजी

डा. पूजाना – बेस्ट एमसीएच- पीडियाट्रिक सर्जरी

डा. श्रीकांत – बेस्ट डीएम- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी

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