कोविड टीका लगवाएं और भारत को कोरोना मुक्त बनाएं : डॉ. सूर्यकांत
संक्रमण रोकने को टीकाकरण के साथ पांच जरूरी मंत्र भी अपनाएं
लखनऊ। साल भर के अनुभव और दुनिया के आ रहे अध्ययन से यह स्पष्ट है कि कोविड-19 के संक्रमण से अगर खुद के साथ घर-परिवार व समुदाय को सुरक्षित रखना है तो कोविड टीकाकरण कराना सभी पात्र लोगों के लिए बहुत जरूरी है । टीकाकरण के साथ जरूरी प्रोटोकाल (पाँच मंत्र) का पालन भी सभी की भलाई के लिए आवश्यक है । यह बात कोविड टीकाकरण के एक साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उप्र के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एंबेस्डर व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने अपने अनुभव साझा करते हुए कही।
डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि अभी सभी लोगों में वैक्सीन की दूसरी डोज लगी भी नही है कि तीसरी लहर ने तेजी से पाँव पसारने शुरु कर दिये हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिनों मेंं मुंबई के एक अस्पताल से आए आँकड़े बताते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वाले 95 फीसद कोरोना संक्रमित ने टीके की दोनों डोज नहीं लगवा रखी थी। टीका कोरोना से सुरक्षा तो प्रदान ही करेगा और अगर उसके बाद भी कोरोना की चपेट में आते हैं तो ऐसी गंभीर स्थिति नहीं बनेगी की अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आए । और 8.56 करोड़ (58 फीसद) को दोनों डोज लग चुकी है । इसके साथ ही 10 जनवरी से प्री काशन डोज (एहतियाती डोज) लगाई जा रही है। साथ ही15 से 18 साल के 1.40 करोड़ किशोर-किशोरियों का भी टीकाकरण भी इसी माह तीन जनवरी से शुरू हुआ है । जिसमें से 12 दिन में लगभग 50 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है । 12 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण अभी नहीं चल रहा है।
पाँच जरूरी मंत्र अपनाएं – कोरोना से समुदाय को सुरक्षित बनाएं
डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि बचाव के लिए हाथ मिलाने की जगह नमस्कार करना है और हाथों को बार-बार साबुन-पानी से धुलते रहना है । तीसरा मंत्र यह है कि पैरों को भीड़भाड़ में जाने से रोकना है और चौथा एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखनी है । पाँचवाँ और आखिरी सबसे जरूरी मंत्र है कि मास्क से परेशान हुए बगैर उसका पालन करें ।