पीजीआई में मृतक होमगार्ड की जांच में सीसीटीवी फुटेज और तैनात चिकित्सक से पूंछतांछ क्यों नहीं ?
पीजीआई ने दिवंगत होमगार्ड के मामले की जांच शुरू की
लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सुरक्षा में तैनात दिवंगत होमगार्ड मिथिलेश (50) को इलाज न मिलने के आरोपों की जांच शुरु हो चुकी है। दूसरी तरफ दिवगंत मिथलेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कोई स्पष्ट कारण नहीं आया है। जिसकी वजह से डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेज दिया है।
संस्थान पर इलाज न मिलने के आरोप लगाये
ज्ञात हो कि सोमवार को ड्यूटी के दौरान होमगार्ड मिथलेश को सांस लेने में दिक्कत हुई थी, जिसके बाद साथी होमगार्ड उसे लेकर संस्थान की इमरजेंसी पहुंचे, जहां पर उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल की दुहाई लेकर, होलिंग ऐरिया में भेज दिया गया था, जहां पर बेड न खाली होने की बात कह कर बैरंग लौटा दिया गया था। साथी उसे आशियाना स्थिति लोकबन्धु अस्पताल पहुंचे, मगर रास्ते में मिथलेश ने दम तोड़ दिया था। मामले ने तूल पकड़ा और संस्थान पर इलाज न मिलने के आरोप लगाये गये। जिसके बाद होमगार्ड विभाग ने घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट पीजीआई को सौंप दी है। जिसके बाद संस्थान निदेशक डॉ. आरके धीमन ने जांच के निर्देश दिये और जांच शुरु हो गई।
जांच शुरु
जांच अधिकारियों ने मृतक को इमजरेंसी और लोकबन्धु अस्पताल तक ले जाने वाली साथी होमगार्ड्स से पंूछतांछ शुरु कर दी है। साथी होमगार्ड संतोष मिश्रा, सियाराम व रविन्द्र शंकर का कहना है कि हम लोगों से पूंछने के साथ ही ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक, स्टाफ व पीआरओ से पूंछतांछ करनी चाहिये, इसके अलावा सीसीटीवी कैमरा से सच्चाई पता करनी चाहिये।