देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो : ऋतेश्वर महाप्रभु
सनातन संस्कृति, देश की जरूरत है और गुरुकुल की पुन: स्थापना हो
लखनऊ। भारतीय संस्कृति ही भारत को अखंड़ भारत बना सकती है, इसके लिए सनातन धर्म का अनुपालन हो और भारत में समान नागरिक संहिता कानून लागू होना चाहिये। अन्यथा भारत विखंड़न की स्थिति में आ चुका है। क्योंकि कई राज्य हैं जहां पर वहां की सरकारें अपने अनुसार शासन सत्ता चला रही हैं। भारत में संविधान, मात्र औपचारिकता बना है, जबकि संविधान का शाब्दिक अर्थ ही समान नागरिक संहिता होता है। यह बात शुक्रवार को वृंदावनधाम के सद्गुरु ऋतेश्वर महाप्रभु ने, सृजन विहार कालोनी गोमतीनगर में, पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
सनातन संस्कृति और देश की रक्षा के लिए आवाज उठाने वाले ऋतेश्वर महाप्रभु ने कहा कि भारत में जातीय, धार्मिक और संप्रदाय को लेकर तमाम विसंगति हैं, जिन्हें, केवल समान नागरिक संहिता अर्थात सनातन संस्कृति जिसका, वसुधैव कुटंबकम महामंत्र है, से ही बचाया जा सकता है। अन्यथा आने वाले समय में अपने देश में भी सरकारें सामान्य प्रक्रिया से नही बनेंगी, तालिबान की सरकार जैसी सरकारें कब्जा करेंगी। उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति का हृास हो रहा है, इसे बचाने के पुरानी संस्कृति की तरह गुरुकुल की जरूरत है ताकि युवाओं को सनातक धर्म की खूबियां पता चले और समाज को विकसित कर सकें, उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह इशारा करते हुए कहा कि संतों को राजनीति में तेजी से आना चाहिये, क्योंकि संत ही संस्कृति और देश की रक्षा कर सकता है, क्योंकि संत में ही त्याग, संस्कृति की विदृता होती है और बिना किसी भदभाव के शासन का संचालन कर सकता है। उन्होंने कहा कि हर परिस्थितियों में सनातक धर्म की कानून की रक्षा कर सकता है और देश को अक्षुण बनाएं रख सकता है।