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UP में बिजली संकट, कोयले की कमी से 8 पावर प्लांट बंद, ग्रामीण क्षेत्र में 7 घंटे कट रही बिजली

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अब बिजली संकट बढ़ने वाला है. दरअसल कोयले की कमी के कारण प्रदेश की 8 यूनिट बंद हो गई हैं. अगले एक सप्ताह तक इससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.

15 अक्टूबर तक रहेगी परेशानी

पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों का भी मानना है कि 15 अक्टूबर तक परेशानी रहेगी. कोयले की कमी से 2700 मेगावाट बिजली तैयार नहीं हो पा रही है. मौजूदा समय में 8 पावर प्लांट कोयले की कमी से और 6 दूसरे कारणों से बंद है. वहीं 8 यूनिट बंद होने से बिजली की कटौती भी बढ़ गई है. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण सेक्टर में है. राज्य विद्युत उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया है कि ग्रामीण सेक्टर में 7 से 8 घंटे का पावर कट लग रहा है.

सप्लाई सिर्फ 17000 मेगावाट

बतादें कि मौजूदा समय में प्रदेश में बिजली की मांग 20,000 से 21,000 मेगावाट के बीच है. लेकिन सप्लाई सिर्फ 17000 मेगावाट तक ही हो पा रही है. ऐसे में चार हजार मेगावाट बिजली की कमी होने लगी है. उधर राज्य के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ये दावा कर रहे है कि केंद्र सरकार और कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से आपूर्ति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं. अन्य स्रोतों से बिजली खरीद की जा रही है.

दिल्ली में भी बिजली संकट

यूपी के साथ दिल्ली में भी बिजली संकट आने वाला है. दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी टाटा पावर डीडीएल ने अपने उपभोक्ताओं को मैसेज कर गुजारिश की है कि वो संभाल कर बिजली खर्च करें. टाटा पावर ने ये मैसेज इसलिए किया है क्योंकि देश इस वक्त कोयले की कमी से जूझ रहा है जिसके चलते बिजली के उत्पादन में आने वाले दिनों में परेशानी होने वाली है. क्योंकि बिजली के उत्पादन में रुकावट आने से बिजली की सप्लाई में भी दिक्कत आएगी जो उपभोक्ताओं को बिजली कटौती के रूप में झेलना होगा. कोयले की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख दिया है. केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से दखल की अपील की है.

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