एसजीपीजीआई के चिकित्सकों का कोई सानी नहीं : दुर्गा शंकर मिश्र
लखनऊ। मैंने एसजीपीजीआई को अपने सामने बनते हुए देखा है और मुझे बहुत गर्व है कि ऐसे संस्थान के अध्यक्ष के रूप में मुझे कार्य करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। यह हमारे प्रदेश का मेडिकल क्षेत्र का गौरव है और प्रदेश में किसी भी प्रकार की गंभीर से गंभीर बीमारी हो, सभी मेडिकल कॉलेज , एसजीपीजीआई से चिकित्सा सम्बन्धी उपचार हेतु सम्पर्क करते हैं। क्योंकि चिकित्सा के क्षेत्र में एसजीपीजीआई के चिकित्सकों का कोई सानी नहीं है। यह भावविभोर करने वाले और संस्थान चिकित्सकों को गौरांन्वित करने वाले शब्द, किसी साधारण व्यक्ति ने नहीं, बल्कि प्रदेश के सबसे बडेÞ ओहदेदार, स्वयं मुख्य सचिव उप्र, दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल साइन्सेज का भ्रमण के दौरान व्यक्त किये।
मुख्य सचिव श्री मिश्र ने कहा कि एसजीपीजीआई के चिकित्सकों को अन्य जगहों से भी अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं लेकिन उनके द्वारा प्रदेशवासियों के प्रति सेवाभाव के कारण वह प्रदेश से बाहर नहीं जाते हैं इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं।
अच्छे संस्थान बिल्डिंग से नहीं बनते हैं न ही उपकरणों से
उन्होंने डॉ. शेट्टी को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान को बढ़ाने में और प्रदेश को एक उत्तम संस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में दिलाने में डॉ.शेट्टी का खासा योगदान है। रिसर्च के क्षेत्र में संस्थान अनेक ऊचाईयों को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि संस्थान बिल्डिंग से नहीं बनते हैं न ही उपकरणों बल्कि अच्छे एवं प्रतिभावान लोगों से बनते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप अच्छे से अच्छा उपकरण लगा देते हैं लेकिन आपके पास उसको संचालित करने हेतु एक अच्छा प्रशिक्षित व्यक्ति नहीं है तो वह उपकरण बेकार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार संस्थान को उच्चीकृत करने हेतु प्रयासरत है और आगे भी आवश्यकतानुसार अपना सहयोग प्रदान करती रहेगी। इस अवसर पर श्री मिश्र ने संस्थान के सभी विभागाध्यक्षों से उनका परिचय प्राप्त कर उनके द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्यों को सराहा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा श्रीमती शुभ्रा सक्सेना, निदेशक एसजीपीजीआई प्रो. आरके धीमन, संस्थान के डीन प्रो. अनीश श्रीवास्तव सहित अन्य चिकित्सगण आदि उपस्थित थे।