पीजीआई में मिल रहा तो लोहिया में क्यों नहीं ?
विरोध प्रदर्शन शुरू
लखनऊ। राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बीते 3 वर्षो से चिकित्सकों को 7 वें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन नही मिल रहा है । जबकि एसजीपीजीआई में वर्ष 2020 से लागू हो चुका है। चिकित्सकों के साथ अन्याय है जबकि मुख्यमंत्री योगी ने, चिकित्सा व्यवस्था से जुडेÞ सभी देय व भत्तों को न रोकने के निर्देश भी दिये हैं। 7 वां वेतन आयोग के अनुरूप वेतन की मांग के लिए मंगलवार से लोहिया संस्थान में चिकित्सक विरोध रूवरूप काला फीता बांधकर चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान करेंगे। यह निर्णय सोमवार को आरएमएलआई फैकल्टी एसोसिएशन की बैठक में लिया गया है।
7 वां वेतन आयोग की मांग में लोहिया संस्थान के डाक्टर काला फीता बांधेंगे
बैठक की जानकारी देते हुए एसो.सचिव प्रो.विकास सिंह ने बतायाकि 7 वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू कराने की मांग हम चिकित्सक बीते 3 वर्षो से कर रहे हैं। समतुल्य पीजीआइ में लागू भी हो चुका है, बावजूद लोहिया में लागू नही हुआ है। बीते डेढ़ वर्ष हम लोग कोविड महामारी की विभिषिका में शांति पूर्वक अधिकारियों के समक्ष मांगे रख रहे थे। मगर अधिकारियों ने ध्यान नही दिया है, जबकि वेतन आयोग के अनुरूप वेतन देने को सीएम योगी के निर्देश हैं। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बीती 24 नवंबर को निदेशक डॉ.सोनिया नित्यानंद से वार्ता हुई थी, 2-3 दिन में निर्णय आने का आश्वासन मिला था। मगर एक सप्ताह बीत चुका है, कोई कार्यवाही नही है। अब चिकित्सकों ने काला फीताबांधकर कर विरोध करने का निर्णय लिया है, दो दिन बाद पुन: बैठक कर आन्दोलन को उग्र बनाने की रणनीति तय की जायेगी। अध्यक्ष प्रो.डीके श्रीवास्तव ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में चिकित्सकीय सेवाएं नही प्रभावित होंगी।