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अखिलेश अपने मुस्लिम नेताओं को मंच पर करते हैं अपमानित : शाहनवाज आलम

सपा के मुस्लिम नेताओं को अपने अपमान पर चुप नहीं रहना चाहिए
कांग्रेस का सपा पर वार


लखनऊ । कांग्रेस ने सपा पर मुस्लिम कार्ड का बड़ा दांव चल दिया है। आरोप लगाया कि अखिलेश यादव द्वारा मऊ और आजमगढ़ में जन सभाओं में 20 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम नेताओं को मुख्यधारा में स्थान नही दिया गया। यह कृत्य पूरे मुस्लिम समाज का अपमान है।

अखिलेश की ऐसी हरकतों से पता चलता है कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने उन्हें ठीक ही मुस्लिम विरोधी बताया था। यह आरोप शनिवार को अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कही।

मुस्लिम नेताओं को पीछे बैठाते हैं , कभी कभी तो कुर्सी नही देते

शाहनवाज आलम ने कहा कि आजमगढ़ के कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने बुजुर्ग सपा विधायक आलम बदी को अपने पीछे की लाइन में स्टूल पर बैठाया जबकि अपने दोनों तरफ अपनी जाति के नेताओं को सोफे पर बैठाया। वहीं उसी सभा में पूर्व मंत्री वसीम अहमद की विधवा पत्नी को कुर्सी भी नहीं दी गयी और उन्हें मंच पर खड़ा रखा गया। इसी तरह मऊ की रैली में भी अखिलेश यादव के पीछे तीसरी लाइन में शिबगतुल्ला अंसारी को बैठाया गया। जबकि प्रदेश में मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत है और अखिलेश यादव के सजातीय लोग सिर्फ़ 5 प्रतिशत हैं और उसमें भी 2014 के बाद से आधे से ज्यादा उन्हें छोड़ चुके हैं।

एमएलसी आशु मालिक को मंच पर पीट चुके हैं

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी एमएलसी आशू मलिक को मंच से पीट कर भगाया गया था और मुरादाबाद के सांसद एचटी हसन की एक तस्वीर भी वाईरल हुई थी जिसमें वो खड़े हो कर राम गोपाल यादव को कोई पत्र दे रहे हैं और राम गोपाल यादव बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है तो वहीं सपा भी उन्हें सिर्फ़ दोयम दर्जे के नेता और विधायक बना कर रखना चाहती है। इसलिए दोनों में कोई फर्क नहीं है।

मुसलमान अपमान का बदला चुनाव में ले

श्री आलम ने कहा कि मुसलमान एक स्वाभामानी कौम है। इस तरह के अपमान का बदला वह चुनाव के समय अखिलेश यादव से जरूर लेगा। उन्होंने सपा में अपमानित किये जा रहे मुस्लिम नेताओं से भी अपील की कि अपने मान सम्मान से समझौता न करें।

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