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8 नवम्बर 2016 को दावे किए थे कि नोटबंदी कालाधन वापस आएगा और भाष्टाचार पर रोक लगेगी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि छह साल पहले 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कई दावे किए थे। उनका दावा था कि नोटबंदी से कालाधन खत्म होगा, बाहर गया कालाधन वापस आएगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। ताजा रिजर्व बैंक की रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया है कि नोटबंदी से ‘कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था’ बनाने का भारत सरकार का इरादा भी फेल हो गया है।


उन्होने कहा, रिजर्व बैंक के मनी सप्लाई आंकड़ो के अनुसार इस साल अक्टूबर तक जनता के बीच विभिन्न चलन में मौजूद मुद्रा का स्तर बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रूपए हो गया। यह आंकड़ा चार नवम्बर 2016 को समाप्त पखवाड़े में चलन में मौजूद करेंसी के स्तर से 71.84 प्रतिशत अधिक है।

भाजपा सरकार की नीतियों से टूटा
सपा प्रमुख ने बताया कि प्रधानमंत्री के एलान के बाद गरीब का पैसा तो बैंको में जमा हो गया। 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर हो गए। नोटबंदी के बाद बैंकों में जनधन की लूट मची है उससे भी लोगों को भरोसा भाजपा सरकार की नीतियों से टूटा है। भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी ने संपूर्ण व्यापार जगत को अव्यवस्थित कर दिया है। भ्रष्टाचार चरम पर है। भाजपा राज में विकास कार्य ठप्प है। भाजपा की नीतियों के चलते मंहगाई में लगातार वृद्धि और आर्थिक असमानता बढ़ी है। अमीर ज्यादा अमीर और गरीब और ज्यादा गरीब हो रहा है। खाली पेट और खाली जेब भारत को अब विश्वगुरू बनाने का सपना दिखाया जा रहा है।

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