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एंटीबायोटिक व पेन किलर से उत्पन्न हो सकती हैं त्वचा की समस्याएं : डॉ. अबीर सारस्वत


स्किन एलर्जी व दवा एलर्जी विषयक मिड डर्माकॉन-2022′ संपन्न

लखनऊ । बाल, नाखून, त्वचा और मुंह के अंदर की समस्या के लिए डमेर्टोलॉजिस्ट के पास ही जाएं। जिन दवाओं में तीन से चार गलत तरह के कॉम्बिनेशन हों, उसका इस्तेमाल न किया जाए। क्योंकि, हर एक ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट है। यह बात ‘मिड डर्माकॉन-2022’ के तीसरे व अंतिम दिन रविवार को डॉॅ.अबीर सारस्वत ने दी। काफे्रंस में अंडरग्रेजुएट एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए आयोजित क्वीज में पुणे के आर्म फोर्स मेडिकल कॉलेज के छात्र विजेता रहें । साथ ही समारोह में विभिन्न राज्यों से आए कुछ डमेर्टोलॉजिस्ट को उनके उत्कृष्ट प्रेजेंटेशन के लिए सम्मानित भी किया गया।

स्किन पर इस्तेमाल के लिए, बिना पर्चे व बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा न लें

‘इंडियन एसोसिएशन आॅफ डमेर्टोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘मिड डर्माकॉन-2022’ के अंतिम दिन राजधानी के डॉ. अबीर सारस्वत ने कहा कि अगर पेशेंट्स को किसी भी दवा से रिएक्शन हो, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। अक्सर देखा गया है कि डॉक्टरों को नहीं बताते हैं, डॉक्टर बदल देते हैं। ये गलत है। उन्होंने कहा कि स्किन पर इस्तेमाल के लिए, बिना पर्चे व बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा न लें। एंटीबायोटिक व पेन किलर से त्वचा की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

‘हर ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट’

डॉक्टर अबीर सारस्वत ने बताया कि बाल, नाखून, त्वचा और मुंह के अंदर की समस्या के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट के पास ही जाएं। कॉस्मेटिक व लेजर तकनीक के लिए किसी एक्सपर्ट के पास ही जाएं। उन्होंने कहा कि जिन दवाओं में तीन से चार गलत तरह के कॉम्बिनेशन हों, उसका इस्तेमाल न किया जाए। क्योंकि, हर एक ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट है। उन्होंने कहा कि अगर पेशेंट्स को किसी भी डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा से रिएक्शन हो, तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं। अक्सर देखा जाता है कि पेशेंट दवा से रिएक्शन होने पर डॉक्टरों को नहीं बताते हैं। डॉक्टर बदल देते हैं। ये गलत है। डॉ. अबीर ने कहा कि स्किन पर इस्तेमाल के लिए, बिना पर्चे व बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा न लें। एंटीबायोटिक व पेन किलर से त्वचा की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 

‘कोर्स पूरा कर ही पा सकेंगे खुजली से निजात’

डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि स्किन एलर्जी और एलर्जी के कारण उत्पन्न होने वाली खुजली के कारण अलग- अलग हो सकते हैं। खुजली के कई अलग कारण हो सकते हैं। प्रत्येक मरीज में मर्ज के अनुसार दवाएं पृथक होती हैं। जिसमें एलर्जी की दवाओं के अलावा कई और दवाइयों की भी भूमिका होती है। और, कई बार एलर्जी की दवा की डोज़ बढ़ाने से भी फायदा मिलता है। उन्होंने बताया कि इसका उपचार लंबा होता है, लेकिन कारगर होता है। बार-बार दवा नहीं रोकना चाहिए। कोर्स पूरा करना चाहिए। 

विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एसोसिएशन

बता दें कि ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स’ विश्व की दूसरी सबसे बड़ी स्किन की एसोसिएशन है। जिसके 50 साल पूरे हो गए हैं। एसोसिएशन में करीब 14 हजार डॉक्टर सदस्य हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य नयी-नयी बीमारियों पर रिसर्च करना और नये डॉक्टरों को उसकी जानकारी देना है।

कनेक्टिव टिशू डिजिजेस के बारे में विचार रखे

साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ.सुमित गुप्ता ने बताया, तीसरे दिन विभिन्न विषयों पर अवार्ड्स पेपर हुए। डॉ. मानस चटर्जी व डॉ. उषा गुप्ता ने जज किया। डॉ ब्रजेश नायर और डॉ. सौम्या पांडा ने कनेक्टिव टिशू डिजिजेस के बारे में विचार रखे। दवाओं से होने वाले प्रभावों पर डॉ. ललित गुप्ता और डॉ. सुशील पांडा, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन पर डॉ. प्रज्ञा नायर और डॉ. नीना मन्द्राणी और सिर के ऊपरी बालों में होने वाले इन्फेक्शन पर भी डमेर्टोलॉजिस्ट्स ने चर्चा कर, अपने विचार रखे।

एमबीबीएस स्टूडेंट्स को भी शामिल किया गया, ताकि वो कुछ नया सीख सकें

आॅर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान ने बताया कि ये भारत की ऐसी पहली डमेर्टोलॉजी की कॉन्फ्रेंस थी, जिसमें एमबीबीएस स्टूडेंट्स को भी शामिल किया गया, ताकि वो कुछ नया सीख सकें। और, जिन्हें आगे चलकर डर्मा में अपना करियर बनाना है, वो इस क्षेत्र की बारीकियों को भी पहले से ही समझ लें।

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