सरकारी अस्पतालों के एक्स-रे टेक्नीशियन भी करेंगे आन्दोलन
लखनऊ। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एक्स-रे टेक्नीशियनों का संवर्ग पुर्नगठन न होने की वजह से टेक्नीशियनों में जबरदस्त आक्रोश है। साथ ही तमाम सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे की सुविधा नही हैं और जहां हैं वहां भी अस्पतालों में केमिकल व उपकरणों के अभाव में एक्स-रे कार्य ठप है। उक्त मुद्दों को लेकर उप्र एक्स-रे टेक्नीशियन एसो. के पदाधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एक माह में संवर्ग पुनर्गठन के आदेश जारी न हुये तो प्रदेश भर के टेक्नीशियन आक्रामण आन्दोलन करेंगे।
उप्र एक्स-रे एसो. के महासचिव दिलीप कुमार ने बताया कि बी ब्लाक दारूलशफा में एसो. की बैठक संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि वेतन आयोग के संस्तुति के 12 वर्ष बाद भी संवर्ग पुनर्गठन नही हुआ है। जिसकों लेकर सभी ने विरोध दर्ज कराते हुए आन्दोलन करने की बाध्यता व्यक्त की। इसके अलावा टैक्नीशियनों की रेडियशन से सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई, जिसमें बताया कि एक्स-रे मशीनों की स्थापना में एईआरबी के मानक का अनुपालन होना चाहिए, मगर तमाम अस्पतालों में सुरक्षा के मानकों को धता बताते हुए मशीने स्थापित कर दी गई हैं, जिसकी वजह से टेक्नीशियनों के साथ ही अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी रेडियशन का खतरा झेलना पड़ता है। एसो. ने सरकार से मांग की है कि सुरक्षा के मानकों को पूरा करते हुये मशीनों का पंजीकरण किया जाये। एसो. के प्रवक्ता राजेश शुक्ल ने बताया कि बीते दिनों बीमार टेक्नीशियनों का भी स्थानान्तरण किया गया है, जिसके निरस्त करने की मांग कई बार की जा चुकी है। एसो. ने सरकार को मांग पत्र दिया है कि अगर संवर्ग पुनर्गठन समेत सभी मुद्दों पर निर्देश जारी नही हुये तो प्रदेश भर के टेक्नीशियन आक्रामक आन्दोलन करने को बाध्य होंगे। बैठक में वाईपी शुक्ल, आके पी सिंह, मृत्युन्जय मिश्रा, अनून कुमार, बृजेश श्रीवास्तव, विरेन्द्र कुमार व ओपी उपाध्याय आदि मौजूद रहें।