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विधान परिषद में हंगामा, नेता प्रतिपक्ष मजबूर हुए बिना वाक आउट सदन त्यागने को

विधान परिषद में हंगामा, दो बार वॉकआउट, नेता प्रतिपक्ष से कराया गया सदन त्याग


नियम 105 की चर्चा के दौरान सभापति से तीखी नोकझोंक, खेद प्रकट करने के बाद चला सदन

लखनऊ ।: शीतकालीन सत्र के चौथे व अंतिम दिन बुधवार को विधान परिषद की कार्यवाही रिकॉर्ड के लिहाज से खास रही। स्थिति उस समय और असहज हो गई, जब नियम 105 के तहत वित्तविहीन विद्यालयों में इंटरमीडिएट की मान्यता संबंधी नियमावली में पुनः संशोधन की सूचना पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव स्वयं सवाल पूछने लगे। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कई बार उन्हें बैठने के निर्देश दिए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नहीं मानें और सभापति पर ही लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगा दिया। इस पर सभापति समेत भाजपा सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। सभापति ने नेता प्रतिपक्ष को सदन से त्याग करने के निर्देश दिए, लेकिन वे सदन छोड़ने को तैयार नहीं हुए। स्थिति बिगड़ते देख पहले सपा सदस्यों के साथ उन्होंने वॉकआउट किया, लेकिन इसके बाद भी सभापति संतुष्ट नहीं हुए। अंततः नेता सदन एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अधिकांश सदस्यों के आग्रह पर नेता प्रतिपक्ष ने सदन का त्याग किया। बाद में वापस लौटकर उन्होंने सभापति के समक्ष अपने वक्तव्य को लेकर खेद प्रकट किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित हुई।

प्रश्नकाल में उठे आठ मुद्दे, परिवहन विभाग के सवालों पर चर्चा

सुबह 11 बजे सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में सदन की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल के दौरान कुल आठ मुद्दे उठाए गए। परिवहन विभाग से संबंधित प्रश्नों के उत्तर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने दिए।

सपा सदस्य मुकुल यादव ने मैनपुरी के वरनाइल बस स्टैंड पर कार्यरत कर्मचारी के लंबे समय से नदारद रहने और बस स्टैंड परिसर में बालू-मौरंग की दुकान संचालित होने का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने इस पर कमीशनखोरी के आरोप लगाए। परिवहन मंत्री ने कर्मचारी की अस्वस्थता की जानकारी देते हुए मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया।

आरक्षण और बेरोजगारी का मुद्दा गरमाया

इसके बाद सपा सदस्य डॉ. मान सिंह ने नियम 105 के तहत आरक्षण में गड़बड़ी और छात्रों के साथ हो रहे अन्याय का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विभागों में विज्ञापित पदों में आरक्षण नियमों की अनदेखी की जा रही है। साथ ही लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं का भी उल्लेख किया।

आशुतोष सिन्हा ने स्नातक बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकार की ठोस योजना न होने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विभागों में पहले बैकलॉग की नियुक्ति होनी चाहिए और उसके बाद ही प्रोन्नति दी जाए, ताकि ओबीसी कर्मचारी जूनियर न बने रहें।

संविदा और आउट सोर्स में लागू होगा 60 प्रतिशत आरक्षण : केशव प्रसाद मौर्या

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जवाब के दौरान विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन में हंगामा हो गया। नेता सदन ने कहा कि पिछड़ों के अधिकारों से किसी भी कीमत पर खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा और आरक्षण व्यवस्था में कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल्द ही संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी आरक्षण व्यवस्था लागू की जाएगी, भर्ती में नियमानुसार आरक्षण देने के लिए शीघ्र ही आदेश जारी किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण देने में सरकार की ओर से कोई कोताही नहीं बरती गई है। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुद्दे भले ही न हों, लेकिन सच सुनने का साहस तो दिखाइए।

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