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छोटे जोड़ व बड़े जोड़ों की आर्थराइटिस अलग अलग होती है: डॉ.विकास अग्रवाल

एमडी मेडिसिन को आॅन लाइन प्रशिक्षिण कार्यशाला

लखनऊ। अगर आपके छोटे जोड़ों मेंं दर्द है तो रिहृम्यूआर्थराइटिस होती हैं और बड़े जोड़ों में दर्द है तो आस्टियो आर्थराइटिस होने की संभावना होती है। इसलिए कोई लक्षण प्रतीत हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क कर आवश्यक जांच और इलाज जरूर लेना चाहिये। क्योंकि शुरुआती दौर में अगर ठीक कर लिया तो भविष्य को संवारा जा सकता है अन्यथा बीमारी गंभीर होने पर दैनिक दिन चर्या प्रभावित होने के साथ ही इलाज भी कठिन हो जाता है। हलांकि आर्थराइटिस कोई भी हो, लाइलाज नही है। यह बात शनिवार को लोहिया संस्थान में प्रदेशभर के पास 60 एमडी मेडिसिन को आॅन लाइन प्रशिक्षिण कार्यशाला में पहले दिन संजय गांधी पीजीआई के डॉ.विकास अग्रवाल ने दी।

रीढ़ की हड्डी में स्पाइडोथराइटिस होती है
कार्यशाला के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ.विक्रम सिंह ने बताया कि, प्रदेश में पहली बार मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय पोस्ट गे्रजुएट असेम्बली में, हड्डी जोड़ संबन्धित बीमारी व गठिया विषय पर प्रशिक्षण देते हुए डॉ.विकास ने बोला, रीढ़ की हड्डी में स्पाइडोथराइटिस होती है। उन्होंने बताया कि शरीर के विभिन्न हड्डियों में आर्थराइटिस होती है, सभी का इलाज है। इसलिए मामूली लक्षण प्रतीत होते ही, संबन्धित अंग का एक्स-रे व खून की जांचें करानी चाहिये। केजीएमयू से सेवानिवृत्व पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.सिद्धार्थदास ने आॅटो इम्यून डिसआॅर्डर व मांसपेशियों की बीमारियों पर विस्तृत जानकारी दी और शीघ्र जांच व इलाज के टिप्स भी दिये। प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ.सोनिया नित्यानंद ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यशाला में डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, डॉ.मानसी गुप्ता व डॉ.एसएस नाथ आदि मा

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