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पीजीआई के रेजिडेंट्स चिकित्सकों को निकालना पड़ रहा है कैंडल मार्च,रखेंगे उपवास

सीनियर रेजीडेंट्स शिप पूरी करने के बाद, आज उन्हें सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति नही मिली

      रेजिडेंट्स चिकित्सकों की नियुक्ति में गेंद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के हाथ में


असहाय दिख रहें हैं धरती के भगवान
पीजीआई के रेजिडेंट्स चिकित्सकों ने निकाला कैंडल मार्च
लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में मरीजों का इलाज करने वाले रेजिडेंट्स चिकित्सक बहुत परेशान हैं। तीन साल की सीनियर रेजीडेंट्स शिप पूरी करने के बाद, आज उन्हें सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति मिलनी थी। जोकि पीजीआई प्रशासन की उदासीनता की वजह से नही मिली, दूसरी तरफ रेजिडेंट्स चिकित्सकों ने अपनी मांग उठाई तो, आलोक कुमार, मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा समेत अन्य आला अधिकारियों ने, मांग को जायज मानते हुए, सार्थक सहयोग का आश्वासन भी दिया है। मगर, रेजिडेंट्स चिकित्सकों का मामला, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा शिक्षा उप्र की अनुमति पर अटक गया। विधानसभी सत्र संचालित होने की वजह से, रेजिडेंट्स डाक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल को, मंत्री श्री खन्ना, मुलाकात का समय भी नही दे पा रहें हैं। लिहाजा, विरोध में काला फीता बांधकर मरीजों का इलाज करने वाले रेजिडेंट्स चिकित्सकों ने बुधवार को परिसर में कैंडल मार्च निकाला। गुरुवार को उपवास भी रखेंगे।

दो डाक्टर उपवास रखेंगे


एसोसिएशन के महासचिव डॉ.अनिल गंगवार ने बताया कि हम लोगों के प्रतिनिधि मंडल ने, निदेशक पीजीआई डॉ.आरके श्रीमन से भी वार्ता की, उन्होंने रिक्त पदों की सूची, शासन में प्रेषित करने का आश्वासन दिया है। दूसरी तरफ मुख्य सचिव आलोक कुमार ने भी हम लोगों की मांग का समर्थन करते हुए, शासन से अनुमति प्राप्त करने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि हम लोग अपना विरोध, गॉधी गिरी अपनाते हुए कर रहें हैं, किसी भी मरीज को असुविधा न होने का ख्याल रखा जा रहा है। गुरुवार को विरोध में हममें से दो डाक्टर उपवास रखेंगे।

नियुक्ति की जगह रेजिडेंट्स को तीन माह का सेवाविस्तार

अध्यक्ष डॉ.आकाश माथुर ने बताया कि वर्ष 2018 से सीनियर रेजिडेंट्स शिप पूरी करने के बाद, नेशनल मेडिकल कमीशन ने, संस्थान में ही सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति के निर्देश दिये थे, मगर अवधि पूर्ण होते ही, पीजीआई प्रशासन ने 16 अगस्त 2021 को सभी 58 रेजिडेंट्स को तीन माह का सेवाविस्तार दे दिया। नियुक्ति की जगह, उसी पद पर सेवा विस्तार पाने से रेजिडेंट्स चिकित्सकों में रोष व्याप्त हो गया और सभी ने रेजिडेंट्स डाक्टर एसोसिएशन के बैनर तले गांधी गिरी अपनाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया।

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