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मनीष गुप्ता हत्याकांड: सामने आई पुलिस की बर्बरता, शरीर पर मिले घाव के निशान

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई मौत का मामला और गरमा गया है. इसमें कई ऐसे चौकाने वाले खुलासे हुए हैं जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया है.

सामने आई पुलिस लो बर्बरता

मनीष गुप्ता की सोमवार को देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी. आरोप लगाया गया है कि हालत खराब होने के बाद पुलिस मनीष को लेकर एक निजी अस्पताल गई थी, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें मेडिकल कॉलेज एंबुलेंस से अकेले ही भेज दिया था, जहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मनीष की मौत सिर पर चोट लगने से हुई थी. इसके अलावा शरीर पर भी घाव के निशान मिले हैं.

मारने से ही हुई मौत

दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से एक बात तो साफ है कि सिर्फ गिरने भर से ऐसी चोट संभव नहीं है. और दूसरी बात होटल के कमरे में गिरने से इस तरह की चोट पर भी सवाल उठ रहा है. वहीं गोरखपुर के DM और SSP का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे मनीष की पत्नी को धमकी भरे अंदाज में केस दर्ज न कराने की सलाह दे रहे हैं.

भैरव घाट में हुआ अंतिम संस्कार

प्रशासन ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को CM योगी से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है. प्रशासन से आश्वासन मिलने पर कि परिवार की सभी बातें मानी जाएंगी इसके बाद परिवार मनीष का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गया. और आज गुरुवार सुबह 4.00 बजे ही मनीष का भैरव घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

मीनाक्षी ने लगाए आरोप

मीनाक्षी केस की जांच SIT से कराने की मांग कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि सोमवार की रात गोरखपुर के होटल में ठहरे मनीष को पुलिसकर्मियों ने पीटा था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. मीनाक्षी ने कहा कि इस मामले में जितने दोषी रामगढ़ताल थाने के पुलिस वाले हैं, उतने ही दोषी वहां के SSP डॉ. विपिन ताडा और DM विजय किरन आनंद हैं, जो एक विधवा औरत की मदद करने के बजाय, हत्यारे पुलिस वालों को बचाने में जुटे रहे.

मनीष के बहनोई ने दी जानकारी

मनीष के बहनोई आशीष गुप्ता ने बताया कि जब मीनाक्षी भाभी ने सरकारी नौकरी की मांग करते हुए कहा था कि अब उनकी और बेटे की परवरिश कौन करेगा? तो इस पर अधिकारी समझाते रहे कि मनीष कोई सरकारी नौकरी तो करते नहीं थे, जो आपको मिलेगी? अधिकारियों ने ये भी माना कि गलती पुलिस की ही है, और कहने लगे की आपके एक केस से 6 पुलिसकर्मियों का परिवार बर्बाद हो जाएगा. इससे हासिल कुछ भी नहीं होगा. लेकिन फिर CM योगी आदित्यनाथ का फोन आने के बाद इस मामले में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

मृतक परिवार की छह मांगे

पुलिसकर्मियों की करतूत के खिलाफ लोगों का गुस्सा जमकर फूटा है। लगातार हंगामा, बवाल और विरोध प्रदर्शन जारी है. मृतक की पत्नी की छह मांगे हैं. जिसमें 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, सरकारी नौकरी दी जाए, केस को कानपुर नगर में ट्रांसफर किया जाए, हत्याकांड की सीबीआई जांच हो, जिस होटल में हत्याकांड को अंजाम दिया गया उस पर कार्रवाई की जाए, दोषी पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

होटल पहुंची मीनाक्षी गुप्ता

मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता मंगलवार शाम होटल कृष्णा पैलेस भी गईं थीं, जहां पति की मौत हुई थी. होटल के कमरे की सफाई पर मीनाक्षी ने सवाल खड़े किए और पुलिस से पूछा कि आखिर घटनास्थल की सफाई क्यों कराई गई? कमरे में जो खून फैला था, उसे धुलवाया क्यों गया? कमरे को सीज कर फोरेंसिक जांच क्यों नहीं कराई गई? मीनाक्षी ने हाथ जोड़कर न्याय दिलाने की मांग की है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने कानपुर पहुंचे हैं. अखिलेश यादव ने सरकार से दो करोड़ मुआवजे की मांग की है. साथ ही समाजवादी पार्टी की तरफ से 20 लाख की आर्थिक मदद दी है. अखिलेश ने कहा कि पुलिस रक्षा नहीं कर पा रही है बल्कि लोगों की जान ले रही है.

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