Uncategorizedअपराधउत्तर प्रदेशटॉप न्यूजदेशमनोरंजनराजनीतिलाइफस्टाइलस्वास्थ्य

न्यायालय में आरोपी, करोड़पति और असाक्षर विधायक भी होंगे नई सदन की शान


सदन में करोड़पति विधायकों की संख्या भी बढ़ी
लखनऊ। नई विधानसभा में अपराधी नहीं करोड़पति विधायकों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। सदन के 403 विधायकों में से 366 (91 %) विधायक करोड़पति हंै। यह संख्या पिछली विधानसभा से ज्यादा है। सबसे ज्यादा करोड़पति विधायक भाजपा के 233 विधायक हैं, जबकि समाजवादी के 90 विधायक करोड़पति हैं। इसके अलावा कांग्रेस, अपना दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक व बसपा के विधायक भी करोड़पति हैं।

सदन के 403 विधायकों में से 366 (91 %) विधायक करोड़पति

उक्त जानकारी देते हुए एडीआर के संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली विधानसभा सदन में 322 विधायक करोड़पति थे। इस बाद 366 (91 %) हैं। उन्होंने बताया कि दलवार बात करें तो सबसे ज्यादा बीजेपी के 233 (91%), समाजवादी पार्टी के 100 (90 %), अपना दल (सोने लाल ) के 9 (75 %), आरएलडी के 7 (88 %), सुहेलदेव भारतीये समाज पार्टी के 6 (100 %), निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल के 6 (100%), जनसत्ता दल लोकतान्त्रिक के 2(100%) काग्रेस के 2 (100 % ) समेत बसपा का इकलौता विधायक भी करोड़पति हैं ।

सबसे ज्यादा संपत्ति 148 करोड़

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा संपत्ति की बात करेंं तो सबसे ज्यादा संपत्ति 148 करोड़, मेरठ के बीजेपी विधायक अमित अग्रवाल की है। दूसरे नंबर पर मुरादाबाद सपा विधायक मो.नासिर की संपत्ति 60 करोड़ हैं वहीं तीसरे स्थान पर 59 करोड़ संपति के मालिक सपा के ही अम्बेडकर नगर के विधायक राकेश पांडेय है। इनमें से 183 (45 % ) विधायकों की संपत्ति 5 करोड़ या उसके ऊपर हैं । इसके अलावा 122 (30 % ) विधायकों की संपत्ति 2 से 5 करोड़ की बीच है। वहीं 2 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति 10 लाख के नीचे की हैं। नवनिर्वाचित विधायकों की औसतन संपत्ति रू 8.06 करोड़ है। जो 2017 में विधायको की सम्पत्ति 5.92 करोड़ थी ! वही 74 विजेता उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी 1 करोड़ से अधिक घोषित की है

पढ़े नही, कढ़े विधायकों के साथ ही अशिक्षित विधायक भी पहुंचे सदन के अंदर

उप्र इलेक्शन वाच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की पड़ताल से ज्ञात हुआ कि नवनिर्वाचित विधायकों में एक विधायक हैं, जिनकी शिक्षा के संबन्ध में जानकारी ही नही है। अर्थात अशिक्षित की श्रेणी भी माना जा सकता है। वहीं 3 विधायक डिप्लोमा धारक हैं और 7 विधायक खुद को पढ़े नही, कढ़े अर्थात साक्षर मानते हैं। इसके अलावा 87 विधायक हैं जिन्होंने 8 वीं से 12 वीं के बीच तक ही शिक्षा प्राप्त की है। अन्य 305 विधायक हैं, जिन्होंने स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई की है। संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि नई सदन में दो विधायक अति वरिष्ठ होंगे, जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है। इसके अलावा 232 विधायकों की उम्र 51 से 80 के बीच की है। जबकि 50 साल कम आयु के 169 विधायक मौजूद रहेंगे। नये सदन में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है इस बार 47 महिला विधायक हैं जबकि पिछली विधानसभा में 40 महिलाएं सदन की शोभा बढ़ाती थी।

Related Articles

Back to top button