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नए साल में जूते, चप्पल, ईंट आदि होंगे महंगे

विरोध में सपा ने सौपा ज्ञापन

लखनऊ। नए वर्ष में प्रवेश करते ही जूते, चप्पल, ईंट आदि महंगे हो जायेंगे। क्योंकि इन सभी पर आगामी 1 जनवरी 2022 से जीएसटी बढ़ जायेगा। भाजपा सरकार के इस निर्णय के विरोध में सोमवार को समाजवादी व्यापार सभा ने विरोध शुरु कर दिया और प्रदेशव्यापी आंदोलन कर प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग के निर्देश पर प्रदेश के हर जिले मे वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में व्यापार सभा ने छोटे व्यापारियों के हित में कपड़े, ईंट व फुटवियर पर टैक्स न बढ़ाने की मांग की है।

देश विदेश की चुनिंदा बड़ी कंपनियां फायदे में रहेंगी

ज्ञापन देने पहुंंचे संजय गर्ग ने कहा कि भाजपा सरकार में नोटबन्दी, जीएसटी, लॉकडाउन की वजह से व्यापारी पहले ही बर्बाद हो चुके हैं। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण व्यापारी बर्बाद हैं और अपने अस्तित्व के लिए चिंतित है। ऐसे में राहत देने की जगह भाजपा की सरकार जीवनयापन के लिए कपड़े, ईट व फुटवियर (जूतों, चप्पल आदि) पर टैक्स 5 की जगह 12 प्रतिशत बढा दिया है। इससे देश विदेश की चुनिंदा बड़ी कंपनियां फायदे में रहेंगी जबकि छोटे व मध्यम वर्गीय व्यापारी व दुकानदार बर्बाद होंगे। महासचिव अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि इस निर्णय से कपड़े, ईंट, जूते, चप्पल आदि आम लोगों की पहुंच से दूर होंगे। लोग घर बनाने के लिए परेशान हो जाएंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष पवन मनोचा ने डीएम लखनऊ को जीएसटी की बढ़ी दरो के विरोध में ज्ञापन सौंपा। साथ ही कहा कि जीएसटी दरो के विरोध में व्यापारी समाज सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगा। ज्ञापन सौपने वालों में मुख्यरूप से उप्र टिंबर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मोहनीश त्रिवेदी, प्रदेश सचिव अरविंद पाठक, मध्य विधान सभा के वरिष्ठ नेता जीतू यादव, नगर अध्यक्ष सुमित गुप्ता, नगर महासचिव मनीष अरोरा, उपाध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मी, उपाध्यक्ष नवनीत यादव, कोषाध्यक्ष अनुराग पथेला, महासचिव हरप्रीत सिंह विक्की, जिला उपाध्यक्ष संजय यादव एवं ष्याम गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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