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केजीएमयू कर्मचारियों की हड़ताल को मुख्यमंत्री ने संज्ञान में लिया , खटाखट जारी हुये शासनादेश

प्रदीप गंगवार की अगुवाई में कर्मचारी परिषद की बड़ी इतिहासिक जीत
लखनऊ। केजीएमयू में अध्यक्ष प्रदीप गंगवार के नेतृत्व में कर्मचारी परिषद की काम रोको,आक्रामक आन्दोलन कुछ ही घंटे में असर कर गया। सुबह 8.00 बजे ही न्यू ओपीडी के बाहर कर्मचारियों के इक्ठठा होते ही, मरीजों की परेशानी और अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल शासन के अधिकारियों को अवगत कराया कि जबतक शासनादेश नही जारी होगा,कर्मचारी नही मानेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना तक बात पहुंची तो तुरन्त 8.45 बजे तक केजीएमयू दौड़े चले आये। श्री खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को संज्ञान में लिया है और शासनादेश जारी करने को भी बोला, इतना ही अगले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी, स्वयं कर्मचारी परिषद पदाधिकारियों से वार्ता करेंगे। आश्वासन मिला , कुछ देर बाद ही तीन कैडर का पुनर्गठन का शासनादेश भी जारी कर दिया गया।

, अगले सप्ताह योगी मिलेंगे कर्मचारियों से
प्रदीप गंगवार ने बताया कि कुलपति कार्यालय में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना,प्रमुख सचिव आलोक कुमार, कुलपति ले.ज.डॉ.विपिन पुरी , कुलसचिव आशुतोष दिृवेदी व अन्य सक्षम अधिकारियों के साथ वार्ता हुई है, जिसमें श्री खन्ना ने, मुख्यमंत्री योगी के भावनात्मक विचारों से अवगत कराया, साथ ही बताया कि परिषद की समस्त मांगों को निस्तारित करने के निर्देश भी दिये हैं। इसके लिए हमलोग आप सभी के समक्ष बैठे हैं। उन्होंने, आन्दोलित कर्मचारियों की दृढ़शक्ति को देखते हुए आज शुक्रवार व सोमवार में 5 कैडरों का शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया, साथ ही कार्मिक कोे निर्देशित किया। लिहाजा, 12.15 बजे चिकित्सा शिक्षा विभाग में पहुंच चुके तीन संवर्ग, फिजियोथेरेपिस्ट, आक्युपेशनल थेरेपिस्ट और मेडिकल परफ्यूजनिस्ट के कैडर रिव्यू का शासनादेश प्राप्त हो गया। अन्य दो संवर्ग का सोमवार को शासनादेश प्राप्त होने का आश्वासन मिला है।

एक सप्ताह के लिए आन्दोलन को स्थगित किया गया है

श्री गंगवार ने बताया कि पूर्व में दो कैडर का शासनादेश जारी हो चुके हैं, इसप्रकार सोमवार तक कुल 7 संवर्गो का शासनादेश प्राप्त हो जायेगा। इसके अलावा अन्य 7 संवर्ग,जिनकी फाइले वित्त में हैं, उन्हें अगले सप्ताह मुख्यमंत्री से वार्ता होने के दौरान निस्तारित किया जायेगा, क्योंकि वित्त मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा संचालित किया जाता है। महामंत्री राजन यादव ने बताया कि तत्काल शासनादेश जारी होना, कर्मचारी परिषद की जीत है, अगले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी ने वार्ता करने का आश्वासन दिया है, इसलिए एक सप्ताह के लिए आन्दोलन को स्थगित किया गया है और हम सभी कर्मचारियों ने काम शुरु कर दिया है। मरीजों को बिना व्यवधान सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

पेट के बल लेट कर मुख्यमंत्री आवास तक जाने का कर चुके आन्दोलन
ज्ञात हो कि कर्मचारी परिषद , 2016 के शासना देश के बाद से पीजीआई के समतुल्य संवर्ग पुनर्गठन की मांग करता आ रहा है, कई आन्दोलन हुये, आश्वासन के सिवाए कुछ हाथ नही आ रहा था कर्मचारियों के। पिछले माह भी आन्दोलन करने पर आश्वासन मिला था, इसबार बिना शासनादेश न खत्म होने वाला आन्दोलन किया गया था।

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