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आश्वासन की भेंट चढ़ी केजीएमयू कर्मचारियों की हड़ताल, अधिकारी बोले -एक से डेढ़ माह के अंदर सभी 33 संवर्गो के पुनर्गठन के शासनादेश हो जायेंगे जारी

बिना शासनादेश पहले दिन ही देर रात खत्म हुई हड़ताल


लखनऊ। केजीएमयू में कर्मचारियों की हड़ताल पहले दिन ही देर रात मौखिक आश्वासन के साथ खत्म हो गई। बुधवार सुबह असमंजस के माहौल में खुली ओपीडी में आधे घंटे बाद ही स्थिति ने सामान्य रूप धारण कर लिया। मरीजों के पर्चे बनने लगे और ओपीडी में चिकित्सकों ने परामर्श देना शुरु कर दिया। हड़ताल खत्म होने के बाद जहां केजीएमयू प्रशासन ने राहत की सांस ली वहीं जांच व इलाज मिलने से मरीज व तीमारदारों में संतुष्टी दिखी। कर्मचारी परिषद का कहना है कि शासन ने एक माह में सभी 33 संवर्गो का पुनर्गठन करने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद मरीज हित में हड़ताल वापस की है।

एक से डेढ़ माह के अंदर सभी 33 संवर्गो के पुनर्गठन के शासनादेश जारी हो जायेंगे

‘ बिना शासनादेश नही मानेंगे ’ के नारे से मंगलवार को शुरु हुई कर्मचारियों की हड़ताल, देर रात प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार के आश्वासन के बाद खत्म हो गई। कर्मचारी परिषद महामंत्री अनिल कुमार ने बताया कि हड़ताल खत्म करने को लेकर शासन व प्रशासन का दबाव लगातार बना था। हड़ताल शुरु होने के कुछ देर बाद ही केजीएमयू प्रशासन ने, शासन में बैठक करने का आश्वासन दिया था। मगर, कर्मचारियों के बीच वार्ता की मांग को लेकर आक्रोशित कर्मचारियों ने परिसर से बाहर जाने इंकार कर दिया था। इसके बाद भी लगातार दबाव की स्थिति में आखिरकार देर रात प्रमुख सचिव के आवास पर कर्मचारी परिषद पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें प्रमुख सचिव ने अवगत कराया कि हम कर्मचारियों की मांग को मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया गया है, मुख्यमंत्री योगी ने सभी संवर्गोे का एक साथ पुनर्गठन करने पर सहमति जताई है। इस संबन्ध में वित्त विभाग से भी वार्ता हो चुकी है। शीघ्र ही समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर एक से डेढ़ माह के अंदर सभी 33 संवर्गो के पुनर्गठन के शासनादेश जारी हो जायेंगे।

गत वर्ष 7 संवर्ग का पुनर्गठन हो गया था

प्रमुख सचिव के सार्थक एवं विश्वसनीय आश्वासन के बाद, कर्मचारी परिषद ने हड़ताल को स्थिगित करने का निर्णय लिया है। ज्ञातव्य हो कि केजीएमयू कर्मचारियों को पीजीआई के समान वेतनमान व भत्तें देने का शासनादेश 2016 में हो चुका था, उक्त आदेश के सापेक्ष केजीएमयू कर्मचारी लगातार 40 संवर्गो के पुनर्गठन की मांग करते आ रहें हैं। गत वर्ष 7 संवर्ग का पुनर्गठन हो गया था, शेष 33 की मांग को लेकर हड़ताल की गई थी।

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