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एक्स-रे का अविस्कार न होता तो …

चिकित्सा विज्ञान में एक्स-रे की भूमिका : डॉ.सोनिया नित्यानंद

विश्व रेडियोग्राफी दिवस संपन्न

लखनऊ। चिकित्सा विज्ञान में एक्स-रे की विशेष महत्ता है। एक्स-रे की वजह से सटीक इलाज की सुविधा मिलती है। इलाज में खासतौर पर हड्डी संबन्धी इलाज में एक्स-रे की बहुत उपयोगिता है, मगर अत्यधिक एक्स-रे जांच कराना, सेहत पर दुष्प्रभाव भी छोंड़ सकते हैं। इसलिए चिकित्सक और मरीजों को जरूरत पड़ने पर ही एक्स-रे कराना चाहिये। यह बात सोमवार को 8 नवम्बर विश्व रेडियोग्राफी दिवस पर, लोेहिया संस्थान में संस्थान की निदेशक डॉ.सोनिया नित्यानंद ने एक्स-रे की उपयोगिता विषय पर आयोजित सीएमई में कही।
उप्र एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन, आईएसआरटी यूपीचैप्टर व रेडियोलॉजी विभाग लोहिया संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सीएमई का शुभारंभ निदेशक डॉ.सोनिया नित्यानंद ने मॉ सरस्वती व एक्स-रे अविस्कारक डब्ल्यू सी रौजन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर, मौजूद टेक्नीशियन्स व छात्र-छात्राओं को एक्स-रे की उपयोगिता और उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।

एक्स-रे से होती है छोटी से छोटी बीमारियों की जांच

लोहिया संस्थान में एक्स-रे टेक्नीशियन राजेश शुक्ल ने बताया कि 8 नवम्बर 1895 को एक्स-रे की खोज हुई थी। इसलिए इसदिन को विश्व रेडियोग्राफी दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि एक्स-रे के माध्यम से ही शरीर के अंदर छोटी से छोटी बीमारियों की जांच की उपयोगिता सिद्ध हुई, ताकि सटीक जांच उपरांत सटीक उपचार मिल सके। संगोष्ठी में प्रो. गौरव राज अग्रवाल, डॉ.अभीषेक चौहान, डॉ.समरेन्द्र नारायन, डॉ.तुषांत, डॉ.नेहा सिंह, डॉ.भानप्रिया, डॉ.दुर्गेश दिृवेदी, डॉ.अर्चना गुप्ता इसके अलावा एसजीपीजीआई लखनऊ के एमआरआई, सिटी स्कैन व डीएसए आदि विषयों पर प्रकाश डाला। सीएमई में डॉ.धनन्जय सिंह,आईवी शुक्ल, आरकेपी सिंह , विनोद सिंह आदि मौजूद रहें।

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