उत्तर प्रदेशस्वास्थ्य

प्रदेश में स्किन बैंक बने तो, बर्न मरीजों को मिले अपेक्षित लाभ : प्रो.राजीव अग्रवाल

नेशनल एकेडमी आॅफ बर्न्स इंडिया की मिड टर्म सीएमई-2021 में बोले विशेषज्ञ

लखनऊ। देश में बर्न मरीजों की संख्या 7 मिलियन है, जिनमें से 1.5 से 2 लाख अत्यधिक बर्न मरीजों की मृत्यु हो जाती है। यही अनुपात उप्र का है अगर प्रदेश में स्किन बैंक की सुविधा शुरु हो जाये तो गं भीर बर्न मरीजों को अच्छे से इलाज दिया जा सकेगा और होने वाली मौतों को  भी कम किया जा सकता है। अभी उत्तर भारत में  भी कोई स्किन बैंक नही है, हलांकि दक्षिण भारत में करीब आधा दर्जन स्किन बैंक हैं, जिनमें बर्न मरीजों को सुविधा मिल रही है। यह जानकारी शनिवार को नेशनल एकेडमी आॅफ बर्न्स इंडिया की मिड टर्म सीएमई-2021 में पीजीआई में प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो.राजीव अग्रवाल ने दी।

एक्यूट मरीजों के लिए पीजीआई में जरूरत है इमरजेंसी बर्न यूनिट

लखनऊ में आयोजित मिड टर्म सीएमई में प्रो.अग्रवाल ने बताया कि व्यक्ति का बर्न, सामान्य समस्या है। मामूली बर्न मरीजों को कहीं  भी विशेषज्ञ द्वारा इलाज प्राप्त मिल जाता है, मगर एक्यूट या क्रोनिक बर्न मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में ही उचित इलाज प्राप्त होता है। प्राथमिक इलाज लेने के बाद लंबे समय तक घाव नही होता है या संक्रमण नही खत्म होता है उन्हें क्रोनिक बर्न मरीज कहा जाता है। उन्होंने बताया कि पीजीआई लखनऊ में समस्त क्रोनिक मरीजों का पूर्ण इलाज है, मगर एक्यूट बर्न मरीजों को पूर्ण इलाज पीजीआइ में इमरजेंसी बर्न यूनिट खुलने पर मिलेगा। उन्होंने बताया कि एक्यूट मरीजों में इमरजेंसी में प्रशिक्षित स्टाफ,आईसीयू व ओटी होनी चाहिये, शुरु करने का प्रयास चल रहा है, शुरु होते ही एक्यूट मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने एसिड अटैक पीड़ित को समस्त इलाज पीजीआइ में उपलब्ध है।

स्किन डोनेशन के लिए जागरूकता बढ़ानी होगी

सीएमई में डॉ.संजीव उप्पल ने ठीक हो चुके बर्न मरीजों के विषय पर बताया कि बर्न घाव ठीक होने के बाद •ाी खिचांच, निशान या जलन का अहसास कराते रहते हैं। इसके लिए लोगों को घाव में नमी बनाये रखने के लिए नारियल आॅयल, आलिव आॅयल लगाते रहना चाहिये। साथ ही बर्न मरीजों को खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बर्न मरीजों की जरूरत को देखते हुए स्किन बैंक में स्किन डोनेशन के लिए लोगों में जारूकता बढ़ानी चाहिये, किसी में मृतक की छह घंटे के अंदर स्किन डोनेशन में प्राप्त की जा सकती है जो कि 20 से 25 बर्न मरीजों में उपयोग किया जा सकता है।

स्किन सेल स्प्रे कर जल्दी भरेगा घाव बनेगी त्वचा

सफदरगंज दिल्ली के डॉ.प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि बर्न मरीजों का इलाज कई तकनीक से किया जाता है, निशान हटाने के लिए लेजर तकनीक, घाव भरने के लिए ग्रोथ क्रीम और स्टेम सेल तकनीक हैं, अभी स्किन स्पे्र गन तकनीक का  भी प्रयोग किया जाता है,हलांकि यह तकनीक अभी सभी जगह उपलब्ध नहीं हैं, इस तकनीक में लैब में स्किन का कल्चर जांच के बाद, स्किन सेल तैयार करते हैं और स्प्रे करते हैं। स्किन सेल तेजी से ग्रोथ करते हैं और त्वचा जल्दी बनेगी।
साफ पानी व साफ कपड़ा का प्रयोग करे बर्न मरीजों

पटना एम्स की डॉ.विनीता पुरी ने बताया कि बर्न को लेकर जागरूकता बढ़नी चाहिये, आज भी लोग टूथपेस्ट या स्याही लगाकर अस्पताल पहुंचते हैं, उस समय चिकित्सक बर्न की गंभीरता नही समझ पाते हैं। इसलिए बर्न होने के बाद लोगों को 15 मिनट तक या जबतक अस्पताल न पहुंचे साफ पानी डालते रहना चाहिये साथ ही साफ कपड़े से ढ़ककर अस्पताल पहुंचना चाहिये।

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