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केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा , तीनों कृषि कानून दोबारा लायेंगे

लखनऊ। केन्द्रीय कृषि मन्त्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने महाराष्ट्र के नागपुर में बयान दिया है कि ”कुछ लोगों के विरोध के कारण कृषि कानून वापस लेना पड़ा है हम एक कदम पीछे हटे है लेकिन निराश नहीं हुये हैं, हम दोबारा इसे फिर लायेंगे। जबकि केन्द्र सरकार ने तीनों ‘‘काले कृ षि कानून’’ वापस लिये और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अन्नदाता किसान भगवान तथा संपूर्ण देश से माफी मांगी हैं। कृषि मन्त्री का यह बयान बीजेपी द्वारा देश की जनता तथा किसान भगवान के साथ धोखा एवं विश्वासघात है । यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री प्रमोद तिवारी ने रविवार को आरोप लगाये हैं।

तिजोरी भरने के लिये तथा नई जमींदारी प्रथा कायम करने के लिये बनाये

केन्द्रीय कांगे्रस वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच एण्ड को आॅर्डिनेशन कमेटी, उत्तर प्रदेष के प्रभारी श्री तिवारी ने कहा कि कृषि मन्त्री श्री तोमर के बयान से यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है कि ‘‘मोदी सरकार’’ ने जो 3 काले कृृषि कानून बनाये थे वह धरती के भगवान अन्नदाता किसानों के हित के लिये नहीं बनाये थे, बल्कि अडानी जैसे पंूॅजीपतियों की तिजोरी भरने के लिये तथा नई जमींदारी प्रथा कायम करने के लिये बनाये थे ।

केन्द्र सरकार को किसानों के सामने घुटने टेकने पड़े

श्री तिवारी ने कहा कि एक साल तक किसान ठण्ढी, बरसात और गर्मी बर्दाष्त करके खुली सड़क पर बैठा रहा, किन्तु धरती के अन्नदाता का संघर्ष रंग लाया और केन्द्र सरकार को किसानों के सामने घुटने टेकने पड़े, तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़े। केन्द्रीय कृृषि मन्त्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा दिये गये बयान से स्पष्ट हो जाता है कि ‘‘मोदी सरकार’’की नीयति साफ नहीं है और वह किसानों के आन्दोलन के सामने घुटने टेकने पर विवष होकर और उत्तर प्रदेष सहित अन्य पाँच राज्यों में होने वाले चुनाव में अपनी हार से घबराकर यह कृषि कानून वापस लिये गये हैं, क्योंकि राजस्थान, हिमांचल सहित अन्य राज्यों में उपचुनाव में भा.ज.पा. हार गयी थी ।

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