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16 मेडिकल कॉलेज शुरूहो चुके, 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा : नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री ने प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेजों ,सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़,देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर तथा जौनपुर का लोकार्पण किया


07 में 2019 से एम0बी0बी0एस0 की कक्षाएं प्रारम्भ, 09 मेडिकल कॉलेजों आज प्रारम्भ होने जा रहे, 14 नये मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो रहा

लखनऊ ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनपद सिद्धार्थनगर में प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करते हुए कहा कि आज का दिन पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। दीपावली और छठ का पर्व इस बार पूर्वांचल में आरोग्य का नया विश्वास लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में प्रदेश के 09, सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर तथा जौनपुर मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हो रहा है। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है, जिसे काशी से लॉन्च किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री जी को भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट की।

सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज का नाम स्व0 माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर रखा जाना सच्ची श्रद्धांजलि

प्रदेश के 09 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत भोजपुरी से करते हुए कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकारें अनेक कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल हैं। सिद्धार्थनगर के नये मेडिकल कॉलेज का नाम स्व0 माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर रखा जाना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और उनकी पूरी सरकार को बधाई देते हुए कहा कि माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरन्तर प्रेरणा भी देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी और पूर्वांचल को स्वस्थ, सक्षम, और समृद्ध उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ भी जोड़ा जा रहा है।

9 जनपदों में मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का रास्ता खुला

आज जिन 9 जनपदों में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया गया है, उनमें सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाज़ीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर में मां विंध्य-वासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ में डॉक्टर सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर में अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कॉलेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज, और हरदोई का मेडिकल कॉलेज। यह सभी मेडिकल कॉलेज अब कोटि-कोटि जन की सेवा करने के लिए तैयार हैं। इन 09 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, लगभग ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 05 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।

पूर्वांचल अब मेडिकल हब बनेगा


प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। यह धरती अब देश को बीमारियों से बचाने वाले अनेक डॉक्टर देने वाली है। पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद में प्रदेश की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की पीड़ा व्यक्त की थी। आज जब जनता ने योगी को सेवा का अवसर दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया और इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह का काम होता है।


योगी के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं, पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है। रायबरेली और गोरखपुर में बन रहे एम्स तो प्रदेश के लिए एक प्रकार से बोनस हैं।

बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई

2014 से पहले देश में मेडिकल की सीटें 90 हज़ार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब को सस्ता इलाज मिले और उसे बीमारियों से भी बचाया जा सके, इसके लिए देश में नई स्वास्थ्य नीति लागू की गयी। उत्तर प्रदेश में 90 लाख मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज मिला है। इस योजना की वजह से इन गरीबों के लगभग एक हजार करोड़ रुपए इलाज में खर्च होने से बचे हैं। आज हज़ारों जन औषधि केंद्रों से बहुत सस्ती दवाएं मिल रही हैं। कैंसर का इलाज, डायलिसिस और हार्ट की सर्जरी तक बहुत सस्ती हुई है। यही नहीं, देशभर में बेहतर अस्पताल कैसे बनें और उन अस्पतालों में बेहतर डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टाफ कैसे उपलब्ध हों, इसके लिए बहुत बड़े और लंबे विजन के साथ काम किया जा रहा है।

दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें असहाय दिख रही थी , प्रधानमंत्री ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है, दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें असहाय दिख रही हैं। ऐसी विपरीत और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रधानमंत्री ने देश का नेतृत्व कर, पूरी दुनिया के सामने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को न केवल कोरोना महामारी से बचाया बल्कि भारत के लोगों के जीवन और जीविका की रक्षा कर, दुनिया के सामने एक आदर्श रखा। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल खण्ड में मुफ्त उपचार और मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ जरूरतमन्दों को रोजगार तथा प्रधानमंत्री अन्न योजना के माध्यम से निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था करायी।

प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2016 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाये थे। आजादी के बाद पहली बार इस पीड़ा को प्रधानमंत्री ने अपने संवेदनशील और विजनरी नेतृत्व के माध्यम से न केवल समझा, बल्कि उसके समाधान के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया। 09 मेडिकल कॉलेजों का एक साथ उद्घाटन इस बात का प्रमाण है। कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ का विजन दिया। प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत खुल रहे हैं। इनमें से 07 में 2019 से एम0बी0बी0एस0 की कक्षाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। 09 मेडिकल कॉलेज आज प्रारम्भ होने जा रहे हैं। 14 नये मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो रहा है। 30 मेडिकल कॉलेजों का कार्य भारत सरकार के सहयोग और कुछ जनपदों में राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आगे बढ़ाया है।

दिमागी बुखार से मृत्यु को 95 फीसदी नियंत्रित
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की सर्वाधिक मृत्यु होती थी। दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु को 95 फीसदी नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई।

उपस्थित

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल , प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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