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गिरफ्तारी के बाद आशीष मिश्र को भेजा जेल, नहीं दे पाए सवालों का जवाब, कल होगी सुनवाई

लखीमपुर हिंसा में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और सक्रियता के बाद जागे पुलिस प्रशासन ने मुख्य आरोपी केन्द्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा ‘मोनू’ को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच बुलाया और देर रात गिरफ्तार कर लिया.

देर रात करीब 11 बजे किया गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी पुलिस ने करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा ‘मोनू’ को देर रात करीब 11 बजे गिरफ्तार कर लिया है. आशीष ने जांच टीम को अपनी बेगुनाही के सुबूत दिए, लेकिन वो काम नहीं आए. वो पूरी तैयारी के साथ पुलिस लाइंस स्थित क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में पेश हुए थे. उनको बचाने के लिए कई प्रयास किये गए. घटनाक्रम से जुड़े लोगों से शपथ पत्र हासिल किए गए. मंदिर और पूजागृह में पूजन कराया गया मगर फिर भी गिरफ्तार कर लिए गए.

पुलिस ने दागे सवाल

आशीष की ओर से कई वीडियो साक्ष्य दिए गए, लेकिन वो घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाया. घटना के दिन दोपहर 2:34 से 3:31 बजे तक उसकी कोई लोकेशन नहीं मिल पाई. पुलिस ने पूछा कि रूट डायवर्ट होने की सूचना के बावजूद वह उसी रास्ते से क्यों गया. और उस दिन मौके पर गई गाड़ियों में और कौन-कौन लोग मौजूद थे. पुलिस ने ये भी पूछा कि घटना का पता उसे कब चला? घटना में कितने लोग मारे गए और इसकी जानकारी उसे कब और कैसे लगी?

कोर्ट ने 14 दिन के लिए भेजा जेल

इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने जांच में सहयोग न करने और सवालों के सही जवाब न देने को आधार मानते हुए आशीष को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अपराध शाखा के दफ्तर में ही लगभग एक घंटे तक मेडिकल जांच करने के बाद रात 12 बजे के बाद सीजेएम दीक्षा भारती की कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

कल होगी सुनवाई

अब 11 अक्टूबर को कोर्ट में सुनवाई होगी. शीष पर मर्डर, एक्सीडेंट में मौत, आपराधिक साजिश और लापरवाही से वाहन चलाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद उसके बयान दर्ज किए गए हैं. डीआईजी उपेंद्र कुमार ने बताया कि आशीष मिश्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहा था. कुछ सवालों के जवाब भी नहीं दे सके. इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया है.

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