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चुनाव में होने वाले नुकसान को भाप कर भाजपा ने फैसला लिया है: अखिलेश यादव

तीन कृषि कानून वापस लेने के निर्णय पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उप्र में सपा को मिल रहे किसानों और जनता के भारी जनसमर्थन से घबराकर केन्द्र सरकार ने तीन काले कृषि कानूनों को वापस लिया है। भाजपा सरकार ने किसानों को हर मौके पर अपमानित किया है। सैकड़ों किसानों की सच्ची मौत के आगे झूठी माफी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत साफ नहीं है, उसकी नजर वोटो पर है। किसान और जनता इन्हें माफ नहीं करेगी। अब भाजपा का सफाया तय है।

अहंकार की हार और लोकतंत्र की जीत हुई

श्री यादव, शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहें थे, भाजपा से सावधान रहने को चेतावनी देते हुए श्री यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी भाजपा के अहंकार की हार और लोकतंत्र की जीत है। चुनाव में अपनी हार को सुनिश्चित जानकर ही भाजपा ने यह फैसला लिया है। इनका कोई भरोसा नहीं है, वह उप्र चुनावों के बाद दोबारा से यह कानून ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसका भरोसा कौन दिलाएगा कि भविष्य में ऐसे कानून नहीं लाए जाएंगे, जो किसानों को संकट में डाले। भाजपा ने किसान विरोधी कानून वापस लेने का फैसला धोखा देने के लिए किया है। भाजपा की प्राथमिकता किसान नहीं वोट है।

सपा शुरु से किसाने के आंदोलन के साथ रही

श्री यादव ने कहा कि सपा किसानों की पार्टी है जिसने हमेशा किसान हित के फैसले लिए हैं। समाजवादी शुरू से किसानों के आंदोलन के साथ रहे हैं। सरकार ने सबसे ज्यादा मुकदमे समाजवादी कार्यकतार्ओं पर लगाए हैं। भाजपा को हटाए बिना किसानों का भला नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसान और नौजवान जिस तरह से सपा की विजय यात्रा में सड़क पर निकले उससे लखनऊ ही नहीं, दिल्ली •ाी हिल गई है। अब किसानों-नौजवानों ने निश्चिय कर लिया है कि भाजपा को फिर सत्ता में नहीं आने देंगे।

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