घबराए नहीं, कॉमन फ्लू का वैरियंट है एच3 एन2
-केन्द्रीय एडवाइजरी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी शुरू की बचाव संबन्धी तैयारी
राज्य ब्यूरो,लखनऊ
। मौसम बदलने के दौरान हर साल की तरह इस समय भी जुकाम, बुखार के मरीज बढ़ रहें हैं। आम तौर पर इसे सामान्य वायरल (एच 3 एन 2)माना जाता है, मगर लंबी अवधि तक लक्षण बने रहने पर नुकसान होने की संभावना अधिक होती है इसलिए विशेषज्ञों द्वारा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद, उत्तर प्रदेश में भी मरीजों की जांच व इलाज संबन्धी तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं, मंगलवार को बचाव संबन्धी गाइड लाइन भी जारी होने की संभावना है।
स्वास्थ्य विभाग के स्टेट सर्विलेंस अधिकारी डॉ.विकासेंदु अग्रवाल का कहना है एच3एन2 इन्फ्लूएंजा सामान्य वायरस है। मौसम स्थिर होने पर स्वत: खत्म हो जायेगा। फिलहाल इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, फिर भी बचाव जरूरी है। अगर किसी को पहले से सांस सबन्धी बीमारी है तो विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह संक्रमण श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। हलांकि इसके इलाज संबन्धी समस्त संसाधन सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। डॉक्टर की सलाह से इलाज लेना चाहिए।
हर मरीज में लक्षण अलग-अलग
केजीएमयू में माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ.शीतल वर्मा ने भी कहा कि 76 प्रतिशत सामान्य इन्फ्लूएंजा के मरीज हर साल होते हैं। इसके अलावा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार हर मरीज में अलग-अलग लक्षण मिलते हैं। एच3एन2 वायरस को लेकर उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों में मुख्यतया गले में खराश, खांसी और नाक से पानी आने जैसे लक्षण समान होते हैं। इस समय के मरीजों में लोगों में शरीरिक कमजोरी और थकान की शिकायतें ज्यादा आ रहीं हैं, उबरने में दो हफ्ते लग सकते हैं, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है।
वायरल निमोनिया का खतरा
केजीएमयू के ही चेस्ट रोग विशेषज्ञ प्रो.संतोष कुमार का कहना है कि कॉमन फ्लू का सब टाइप है। बचाव ही इसका सबसे अच्छा इलाज है। इस फ्लू में बुखार तो तीन दिन ही आता है मगर खराश व खांसी लंबे समय तक बनी रहती है। इसलिए इलाज जरूरी है क्योंकि लंबे समय तक खांसी वायरल निमोनिया में तब्दील हो सकती है जो कि घातक हो जाती है। बच्चों एवं बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
कोविड बचाव जैसी सावधानी ही बचाव
- समय- समय पर साबुन से हाथ धोने को प्राथमिकता दें
- भीड़ भाड़ वाले जगहों पर मास्क का प्रयोग करें
- फ्लू बचाव में उपलब्ध वैक्सीन का उपयोग किया जा सकता है
- लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
- बिना हाथ धोए नाक व मुंह में नहीं लगाना चाहिए