![terrorist organisations operating from pakistan](http://lokvikas.com/wp-content/uploads/2021/09/taliban-780x470.jpg)
अमेरिका ने पाकिस्तान की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के 22 सीनेटर्स ने एक विधेयक पेश किया है. इस विधेयक के दो बड़े मुद्दे हैं.
विधेयक में रखी ये मांगें-
सीनेट जिम रीश की अध्यक्षता में ‘अफ़ग़ानिस्तान आतंकवाद निरोधी, निगरानी और जवाबदेही अधिनियम’ पेश किया गया है. ये विधेयक बाइडन प्रशासन से अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फ़ौज को तेज़ी से निकालने के फ़ैसले का जवाब मांग रहा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की अफ़ग़ानिस्तान में भूमिका की भी जांच कराना चाहता है. बिल में मांग की गई है कि अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान में नियंत्रण से पहले और बाद में पाकिस्तान की भूमिका की जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही पंजशीर घाटी में तालिबान के हमले को लेकर भी पाकिस्तान की जांच करने की मांग की गई है.
इसके साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका के 20 साल लंबे अभियान के दौरान तालिबान का किसने समर्थन किया, अगस्त के मध्य में काबुल पर नियंत्रण करने में किसने मदद की इसपर भी जांच करने की मांग की गई है. वहीं पाकिस्तान ने इस विधेयक पर कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की है. पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मज़ारी ने कहा है कि पाकिस्तान को एक बार फिर ‘आतंक के ख़िलाफ़ युद्ध’ में अमेरिका का साथ देने की क़ीमत चुकानी होगी.
आतंकी संगठनों को पांच तरह से बांटा
दूसरी तरफ आतंकवाद पर अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान में पनाह पाने वाले आतंकी संगठनों को पांच तरह से बांटा जा सकता है. इसमें कुछ वैश्विक खतरे, अफगानिस्तान के लिए खतरे, भारत- और कश्मीर के लिए खतरे, घरेलू रूप से खतरे, और सांप्रदायिक (शिया-विरोधी) रूप के खतरे वाले हैं. पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, ये जगजाहिर है. लेकिन वो एक नहीं पूरे 12 विदेशी आतंकी संगठनों को पनाह दे रहा है, अब ये खुलकर सामने आ गया है.
- अलकायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस)
- इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी या आई-के)
- अफगान तालिबान
- हक्कानी नेटवर्क
- तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)
- बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए)
- जुंदल्ला (उर्फ जैश अल-अदल)
- सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान (एसएसपी)
- लश्कर-ए-झंगवी (एलईजे)
रिपोर्ट में खुलासा
CRS रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से कुछ आतंकी संगठन 1980 के दशक से अस्तित्व में हैं. जैसे लश्कर-ए-तैयबा का गठन पाकिस्तान में हुआ था और 2001 में इसे विदेश आतंकी संगठन (एफटीओ) के रूप में चिह्नित किया गया. लश्कर ने ही भारत में मुंबई हमले को अंजाम दिया था. जैश के मोहम्मद को कश्मीरी आतंकी मसूद अजहर ने बनाया था. इसने LeT के साथ मिलकर 2001 में संसद हमले को अंजाम दिया था. हिज्बुल मुजाहिदीन भी पाकिस्तान से अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम दे रहा है.