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गठबंधन करना है तो बसपा के खिलाफ टीका –टिप्पणी न करें

मायावती


राम मंदिर उद्घाटन से लेकर अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद का समर्थन कर धर्मनिरपेक्ष पार्टी का कार्ड चलाया

लखनऊ। संसद के शीतकालीन सत्र में 150 विपक्षी सांसदों के निलंबन को दुखद बताते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर गठबंधन करने की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन के नेताओं से कहा कि गठबंधन में न शामिल होने वाली बीएसपी सहित अन्य पार्टियों के बारे में बेफिजूल कोई भी टीका-टिप्पणी न करें, ताकि भविष्य में साथ की जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे को शर्मिन्दगी न उठानी पड़े, इसके लिए समाजवादी पार्टी का नाम लेकर उदाहरण भी दिया।

bsp president mayawati attacks on congress
bsp president mayawati attacks on congress

बसपा प्रमुख, गुरुवार लखनऊ के पार्टी कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रही थी। उन्होंने संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर चिंता व्यक्त करने के साथ ही विपक्ष को भी घेरा, कहा कि संसद परिसर में निलंबित सांसदों द्वारा राज्यसभा सभापति का मजाक (मिमिक्री) बनाना बहुत ही अशोभनीय और अनुचित है। हालांकि उन्होंने सत्तापक्ष पर तंज कसते हुए कि सदन से सांसदों का निलंबन करना गुडवर्क व कीर्तिमान नहीं है, संसदीय इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंधमारी हुई है, आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा, बल्कि मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए दोषी व षडयंत्रकारी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि पुनरावृत्ति न हो।
लोससभा चुनाव को देखते हुए मायावती ने सभी के धर्म स्थलों का सम्मान करने वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने का कार्ड फेंका, कहा कि आयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर के उद्घाटन से पार्टी को कोई एतराज नहीं है, और अगर राज्य सरकार, न्यायिक आदेश के क्रम में मस्जिद का निर्माण कराती है तब उसके उद्घाटन का भी बसपा कोई एतराज नहीं करेगी।

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