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Up कोरोना बढ़ा, मगर जांच और इलाज करने वालों को हटा दिया

corona test is necessary
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीज बढ़ रहें हैं, मगर बचाव और इलाज आदि सेवाओं पर अधिकारियों को चिंता नहीं हैं । इसका सीधा प्रमाण है कि नेशनल हेल्थ मिशन(एनएचएम) ने प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के सैम्पल लेने वाले, जांच करने वाले टेक्नीशियन और स्टाफ नर्सेस की नौकरी पर रोक लगा दी है ।

अधिकारियों ने यह निर्णय तब लिया है जब मुख्यमंत्री योगी स्वयं, कोरोना के बढ़ने पर चिंता जताते हुए बचाव में जांच और इलाज की सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दे चुके हैं।

गौरतलब है कि मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय , विभाग में आ नही रहीं है , जिसकी वजह से संविदा कर्मियों का संकट और बढ़ गया हैं क्योंकि कोई अन्य अधिकारी इस संबन्ध में बोलने को तैयार नहीं है।

प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों से कोरोना के इलाज और जांच में कार्यरत लगभग 5000 संविदा कर्मियों को बीते 31 मार्च को हटा दिया गया है। यह सभी कर्मचारी एनएचएम अंतर्गत वर्ष 2020 में कोविड-19 अंतर्गत आउटसोर्सिंग से हर जिले में रखे गए थे। हर जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की डिमांड पर अलग-अलग संख्या में संविदा कर्मचारियों उपलब्ध कराए गए थे। इन कर्मचारियों में 11-11 हजार रूपए प्रतिमाह पाने वाले लैब टेक्नीशियन और कंप्यूटर ऑपरेटर, 18 हजार पाने वाली स्टाफ नर्सेस हैं जो कि कोविड बढ़ने पर कोविड कार्य में, अन्यथा अस्पताल प्रशासन आवश्यकतानुसार सेवाएं लेता हैं।


नेशनल हेल्थ मिशन, उप्र द्वारा इन कर्मचारियों को सेवा विस्तार न दिए जाने के एक पत्र ने, इन कर्मचारियों की सेवाएं ब्रेक होने के साथ ही कोविड उपचार सेवाओं पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मिशन निदेशक द्वारा फरवरी माह में जारी आदेश मिलने के बाद जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों ने इन संविदा कर्मचारियों की सेवाएं ठप करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि कर्मचारी नेताओं ने इन कर्मचारियों का सेवा विस्तार करने की मांग भी उठाई है।

अधिकारी का मत –

,स्वास्थ्य महानिदेशक उप्र. डॉ.लिली सिंह का कहना है कि
कोविड महामारी बढ़ने पर एनएचएम द्वारा इन कर्मचारियों को रखा गया था। यह नियुक्ति निश्चित समय के लिए दी गई थी। आवश्यकता न होने की दशा में सेवा विस्तार पर रोक लगाई गई है। मौजूदा हालात में स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध स्टाफ ही पर्याप्त है।

होगा प्रदर्शन

संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव सचित्ता नंद मिश्रा का कहना है कि

एक तरफ अधिकारी mock drill करवा रहे उधर कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर रहे । बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति है । अगर कर्मचारियों को बहाल न किया तो धरना प्रदर्शन और आंदोलन को मजबूर होंगे सभी कर्मचारी

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