मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा करें, क्योंकि ……
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में जागरूकता कार्यक्रम

“नैरेटिव ऑफ द माइंड” में फिल्म और चर्चा के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य पर संवाद
लखनऊ। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में “नैरेटिव ऑफ द माइंड: ए फिल्म-लेड कन्वर्सेशन” विषयक जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसमें महिला अध्ययन केंद्र, मीडिया एवं जनसंचार, बायोइंजीनियरिंग और बायोसाइंसेज विभागों ने अंतरराष्ट्रीय संस्था नर्चर लाइफ के साथ मिलकर भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम जैसे गंभीर विषयों पर संवाद शुरू करना और समाज में मौन को तोड़ना था।

कार्यक्रम की शुरुआत बायोइंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्ष प्रो. अल्वीना फारूकी के स्वागत भाषण से हुई। प्रसिद्ध फिल्मकार और मानसिक स्वास्थ्य संवाहक इकबाल रिज़वी द्वारा निर्देशित लघु फिल्म “रीस्टार्ट” का प्रदर्शन हुआ, जिसमें आत्महत्या-जीवी की आंतरिक पीड़ा और पुनः जीवन में लौटने की यात्रा को संवेदनशीलता से दिखाया गया। फिल्म ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया और मानसिक स्वास्थ्य पर सोचने के लिए प्रेरित किया। फिल्म में आत्म-जागरूकता और भावनात्मक स्वीकार्यता पर बल दिया। परामर्श मनोवैज्ञानिक डॉ. नेहा आनंद ने भावनाओं की पहचान, सुरक्षित पारिवारिक माहौल और डायरी लेखन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाने के सुझाव दिए। नर्चर लाइफ की सीईओ फराह सारोश ने शिक्षा प्रणाली में मानसिक स्वास्थ्य को शामिल करने और समाज में सहानुभूति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। पैनल चर्चा का संचालन रेडियो जॉकी आरजे अमीर ने किया, जिन्होंने संवाद को सहज और प्रभावशाली बनाया।

इस अवसर पर उपस्थित छात्रों और शिक्षकों ने अपने प्रश्न पूछे और अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के अंत में प्रो. मोनोवर आलम खालिद (डीन, स्टूडेंट वेलफेयर) ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। समापन प्रो. स्नोबर एस. मिर (विभागाध्यक्ष, बायोसाइंसेज) के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने सभी को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और एक-दूसरे का सहारा बनने की प्रेरणा दी। यह आयोजन मिशन शक्ति फेज़ 5 के उद्देश्यों के अनुरूप रहा और मानसिक, भावनात्मक व सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय प्रयास सिद्ध हुआ।