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सोनिया नाराज़ , अशोक गहलोत ने माफी मांगी


नई दिल्ली । राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के घटनाक्रम के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांगी है। हालाँकि सोनिया गांधी अभी भी गेहलोत से नाराज़ बताई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा है कि विधायकों के विद्रोह से उनका कोई भी लेना देना नहीं है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार शाम को विधायक दल की बैठक में विधायकों के ना पहुंचने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से लिखित में जवाब मांगा है। बता दें कि पार्टी हाईकमान ने रविवार शाम सात बजे जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी।

नए सीएम के नाम पर फैसला हो सकता था
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में राज्य के नए सीएम के नाम पर फैसला हो सकता था। लेकिन इस बैठक से ठीक पहले गहलतो कैंप के विधायक शांति धारीवाल जिन्हें सीएम गहलोत का करीबी बताया जाता है के घर पर मिले। और इस बैठक के बाद पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिश की कि राज्य का अगला सीएम उनके कैंप से ही होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार गहलोत कैंप के 90 से ज्यादा विधायक अपना बात ना मानने पर इस्तीफा तक देने को तैयार थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांगी
राजस्थान कांग्रेस के अंदर खाने चल रही इस खींचतान को देखते हुए आनन-फानन में दिल्ली से भेजे गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को विधायक दल की बैठक को टालना पड़ा। इस पूरे घटना क्रम को लेकर कांग्रेस हाईकमान खासा नाराज है। पार्टी ने विधायक दल की बैठक से पहले विधायकों की बैठक को अनुशासनहिनता बताया है। इस घटना को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने आज पत्रकारों से बात की। उन्होंने इस दौरान कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को मैने और खड़गे जी ने राजस्थान की स्थिति से अवगत कराया है।

सोनिया गांधी ने रिपोर्ट मांगी
सोनिया गांधी ने हमसे एक लिखित रिपोर्ट मांगी है। हम वो रिपोर्ट आज रात या कल सुबह तक दे देंगे। हमने सोनिया गांधी को सारी बात विस्तार से बताया था। आज सुबह जयपुर में भी मैनें कहा था कि कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग जो कल शाम रखी गई थी वो मुख्यमंत्री जी के कहने के बाद ही प्रस्तावित किया गया था। उस मीटिंग का समय और स्थान मुख्यमंत्री गहलोत से पूछकर ही है तय किया गया था।
माकन ने आगे कहा कि विधायक दल की बैठक को लेकर सोनिया गांधी का निर्देश था कि हम हर एक विधायक से उनकी राय जानकर, उन्हें अवगत कराएं। जब फैसला सबसे बात करने के बाद ही लिया जाता तो इसे लेकर हंगामा करना कहीं से भी सही नहीं है।

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