उत्तर प्रदेशमनोरंजनराजनीतिलाइफस्टाइल

राजनीति के अजातशत्रु पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी अटल बिहारी वाजपेयी का जुड़ाव सीधे लोगों के दिलों से था

मानवेंद्र प्रताप सिंह के अनुभव

अटल सुशासन को साकार करती मोदी सरकार 

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती है।भारतीय राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी आजाद भारत के उन गिने चुने नेताओं में से एक थे जिनका जुड़ाव सीधे लोगों के दिलों से था अटल बिहारी वाजपेयी ने दुनिया को दिखाया था कि सरकार में रहते किस तरह से सुशासन दिया जा सकता है। साल 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

प्रधानमंत्री रहते हुए अर्थव्यवस्था की दिशा ही बदल गई

प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए जिससे भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा ही बदल गई थी. उन्होंने 1991 में पी.वी. नरसिंह राव सरकार द्वारा पेश किए गए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया अटल के कार्यकाल के दौरान बेहतर आर्थिक सुधारों का परिणाम था कि जब 2004 में मनमोहन सिंह ने पदभार संभाला, तो उन्हेंे बेहतर अर्थव्यवस्था मिली. उस समय सकल घरेलू उत्पाद की दर 8 प्रतिशत से अधिक थी, जबकि महंगाई दर 4 प्रतिशत नीचे और मुद्रास्फीति भी बेहतर स्थिति में थी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए थे जिन्हें आज भी हर भारतीय याद करता है. 1998 में उन्होंने पोखरण परमाणु परीक्षण करवाकर दुनिया को यह संदेश दे दिया था कि अब भारत किसी से डरने वाला नहीं है. अटल ने अपने शासनकाल के दौरान कई ऐसी योजनाएं शुरू की थी जिनसे भारतीय अर्थव्यवस्था को तो मजबूती मिली ही साथ में हर भारतीय को उसका लाभ आज भी मिल रहा है अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के हर नागरिक को ध्यान में रखते हुए कल्याणकारी कदम उठाए और ऐसी नीतियां व योजनाएं बनाईं जिससे अनदेखी का शिकार रहे समाज के निम्न वर्ग को लाभ मिल सके वर्तमान  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अटल बिहारी वाजपेयी की दिखाई राह पर चल रहे हं9 और उनका भी एकमात्र उद्देश्य देश के विभिन्न वर्गों तक सरकारी योजनाओं को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाना है। साथ ही पुरे विश्व में नए भारत को वर्ल्ड लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए दृढ संकल्पित है

 स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क योजना

अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को सबसे ऊपर रखा जाता है। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नै, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से कनेक्ट किया, जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया। ये योजनाएं सफल रहीं और देश के आर्थिक विकास में मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल हाईवे के निर्माण के साथ-साथ गांवों को भी सड़कों से जोड़ने का काम किया. मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान नेशनल हाईवे के निर्माण पर काफी बल दिया गया. इसी के कारण अभी देश में लगभग 23 एक्सप्रेस्वे बनाने का लक्ष्य रखा गया है. एक्सप्रेस-वे निर्माण में तेजी को हम इसी आंकड़ों से समझ सकते हैं कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन 40 किलोमीटर नेशनल हाईवे के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जबकि यूपीए सरकार के दौरान इसके निर्माण का एवरेज लगभग 13 किलोमीटर प्रति दिन था मई 2013 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-2 की शुरुआत हुई जिसके तहत 50,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़क बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसमें से अभी तक 49000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया जा चुका है और 500 से अधिक पुलों का निर्माण किया जा चुका है !


सर्व शिक्षा अभियान

अटल बिहारी अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में ही सर्व शिक्षा अभियान की शुरूआत हुई थी. यह भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम था , जिसके तहत 6-14 साल के बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बनाया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों के प्रबंधन में समुदाय की सक्रिय भागीदारी के साथ सामाजिक, क्षेत्रीय और लिंग संबंधी अंतरालों के अंतर को खत्म करना था. मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से समग्र शिक्षा अभियान 2.0 को अगले 5 साल तक जारी रखने के लिए मंजूरी दी है. अभियान के तहत अब तीन साल की उम्र से ही बच्चों को खेल का माध्यम से सिखाने पर जोर दिया जाएगा. अब सरकारी स्कूलों में भी प्ले स्कूल दिखाई देने लगेंगे. दरअसल समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा. कक्षा 6 से आठवीं तक के बच्चों का विभिन्न कौशल से परिचय कराया जाएगा, जबकि कक्षा 9 से 12 वीं के बच्चों में उनकी रुचि के कौशल के प्रति फोकस किया जाएगा.!

 दूरसंचार क्रांति

 अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ही अपनी नई टेलिकॉम पॉलिसी के तहत टेलिकॉम फर्म्स के लिए एक तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवन्यू शेयरिंग की व्यवस्था लेकर लाई थी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘गति शक्ति’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में यह एक प्रयास है. उन्होंने भारत को एक बड़ा विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में सरकार की प्राथमिकता तय की है एक समय था जब भारत चीन से मोबाइल का आयात करता था परन्तु आज का युवा भारत इनोवेशन में अपनी धमक दिखाते हुए पूरी दुनिया में मोबाइल का निर्यात करना शुरू कर दिया है !

वैश्विक स्थर के संबंधो को मजबूत किया 

अटल बिहारी वाजपेयी कार्यकाल के दौरान, भारत ने अपने व्यापार में सुधार किया. 2000 में, उन्होंने शीत युद्ध के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को आमंत्रित भी किया था. उन्होंने सीमावर्ती आतंकवाद और कश्मीर पर चर्चा के लिए जुलाई, 2001 में दो दिवसीय आगरा शिखर सम्मेलन की बैठक के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भारत में आमंत्रित किया था. इसके अलावा, अटल ने 19 फरवरी 1999 को ऐतिहासिक दिल्ली-लाहौर बस के उद्घाटन के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क कनेक्टिविटी को ग्रीन सिग्नल दिया था. मोदी सरकार ने विदेश नीति को आगे बढ़ाते हुए 2014 से विदेश दौरे करके भारत को विदेशी मोर्चे पर मजबूत किया जिसकी वजह से आज भारत लगातार अपने विरोधियो को कमजोर साबित कर रहा है अभी हॉल में ही भारत ने अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन करके अपनी वैश्विक पहचान को और मजबूत किया !

 विज्ञान और अनुसंधान 

लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था वाजपेयी ने इसके साथ जय विज्ञान जोड़ा  और नरेन्द्र मोदी ने इसके साथ जय अनुसंधान जोड़ा कर इसे अब जय जवान जय किसान जय विज्ञान और जय अनुसंधान का नारा करके इसकी सार्थकता को और मजबूत कर दिया मोदी सरकार ने लगातार  इस विचार  पर बल दिया कि देश में दशकों से चली आ रही मानवीय समस्याओं के समाधान के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करते हुए देश कैसे  सेंसर, ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी खोज का पैकेज बनाकर किसानों के लिए कैसे बेहतरीन खोज कर सकता है , कोरोना काल के दौरान भारत ने देश में  अब तक 135 करोड़ कोरोना टीके की खुराकलगा कर विज्ञान और इनोवेशन का परिचय दिया !

 नए विभाग कर निर्माण 

अटल बिहारी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को जनजातीय मामलों के मंत्रालय, उत्तर-पूर्व क्षेत्र विभाग और सामाजिक कल्याण मंत्रालय को सामाजिक न्याय मंत्रालय में परिवर्तित करने के लिए नए विभागों के निर्माण के लिए भी श्रेय दिया जाता है.उसी प्रकार से मोदी सरकार ने भी सहकारिता को अलग से नया सहकारिता विभाग बना कर भारतीय अर्थव्यवस्था को नयी उचाई पर ले जाने के लिए अपनी सरकार के दृढ़ता को प्रदर्शित किया और साथ ही सहकारिता से जुड़े देश के 8.5 करोड़ लोगो के लिए नयी आस पैदा किया ! 

मैन्यूफैक्चरिंग हब

कोरोना काल के दौरान भारत ने अमेरिका को मैन्युफैक्चरिंग के मामले में पीछे दिया है भारत को दुनिया की फैक्ट्री बनाने के लिए आत्मनिर्भर और पीआईएल योजना ने भी अपना असर दिखाना शुरू किया है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में नवंबर माह में देश के निर्यात में तेज इजाफा देखने को मिला है।भारत में आईफोन असेंबल करने वाली ताईवान की कंपनी विस्ट्रॉन कॉप अब लैपटॉप, मोबाइल, आईटी उत्पाद बनाएगी. 

युद्ध में विजय

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान हुए करगिल युद्ध में भारत ने विजय हासिल की और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत झुकने वालों में से नहीं है उरी हमले के बाद  मोदी सरकार द्वारा कठोर निर्णय लेते हुए बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके  सरकार ने दृढ़ इच्छा दिखाते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाया और गलवान घाटी भारतीय सैनिको ने अदम्य सहस दिखाते हुए  चीन के 40 सैनिको को मार गिराया और भारत के आत्म गौरव को पुर्नस्थापित किया |

Related Articles

Back to top button