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मंकीपॉक्स पर स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन जारी, भारत मे भी मिला केस

लखनऊ । दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामलों को बढ़ता देख स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपॉक्स रोग के मैनेजमेंट के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विदेश से आए लोगों को बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए. इसके अलावा मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए. बता दें कि बीते कल केरल में एक मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति मिला था, जो विदेश से लौटा था ।

शरीर पर दाने निकलते

 मंत्रालय ने गाइडलाइन में कहा है कि यदि आपके शरीर में मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हैं, आपके शरीर में दाने निकल रहे हैं व आप ऐसी जगह से लौटकर आए हैं जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर सलाह लें. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं. मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका में होता है. 2003 में, पहला मंकीपॉक्स का केस सामने आया था.

पहला मामला केरल में

देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में अधिकारियों का सहयोग करने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी है. इससे पहले, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि विदेश से राज्य में लौटे एक 35 वर्षीय एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जांच में व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई. केरल भेजी गई केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नयी दिल्ली के विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय, केरल के विशेषज्ञ हैं.

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