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अनुरोध के बाद भी नियम विरुद्ध व स्थानांतरणों को निरस्त नहीं किया

लखनऊ। प्रदेश भर में फार्मासिस्टों, चीफ फार्मासिस्ट, प्रभारी अधिकारी फामेर्सी के नीति विपरीत व्यापक स्तर पर होने वाले स्थानांतरण के विरोध में पूर्व निर्धारित कार्ययोजना के तहत गुरुवार को उप्र राज्य संयुक्त कर्मचारी परिषद के बैनर तले, सैकड़ो राज्य कर्मी स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव करेंगे । साथ ही विरोध प्रदर्शन कर शासन व प्रशासन के अधिकारियों की कारगुजारी का खुलासा करेंगे।

स्थानान्तरण के विरोध में स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव आज

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा कि शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के विरुद्ध फार्मासिस्ट संवर्ग में स्थानांतरण हुए हैं लेकिन संगठन के बार-बार अनुरोध के बाद भी नियम विरुद्ध व स्थानांतरणों को निरस्त नहीं किया जा रहा है। नियम विरुद्ध स्थानांतरणों की जांच हेतु महानिदेशक द्वारा विभाग में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर स्थानांतरित कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त करने का आदेश दे दिया गया। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसे गंभीर रोग से पीड़ित व विकलांग कर्मचारियों को भी जबरन कार्य मुक्त कर दिया गया है एवं कमेटी की रिपोर्ट के पश्चात भी महानिदेशालय नियम विरुद्ध स्थानांतरणों को निरस्त नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जनपदों में पटल परिवर्तन के नाम पर फार्मासिस्टों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है एवं पटल परिवर्तन न करके दूर-दूर स्थानांतरण किए जा रहे हैं। जनपदों के कर्मचारी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं आंदोलन कर रहे हैं परंतु अनेकों अनुरोध के बाद भी महानिदेशालय से पटल परिवर्तन हेतु स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं दिए गये। उन्होंने कहा कि मजबूर होकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन को आंदोलन के रास्ते पर जाना पड़ रहा है। जिसके तहत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आ”ान पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन 14 जुलाई 2022 को स्वास्थ्य महानिदेशालय लखनऊ पर धरना/घेराव करेंगे एवं धरना स्थल पर ही अग्रिम आंदोलन/हड़ताल की घोषणा की जाएगी। डीपीए के महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि विभाग का रवैया तानाशाहा है। स्थानांतरण में हुई कमियों को दूर करने के बजाय कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त किया जा रहा है।

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