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किसी संगठन में चुनाव तिथि के दो वर्ष बाद तक स्थानान्तरण नही किया जायेगा

लखनऊ। प्रदेश में स्थानान्तरण नीति 2022-23 लागू हो चुकी है,नीतिनुरूप स्थानान्तरण की प्रक्रिया जारी है। स्वास्थ्य विभाग में निदेशक प्रशासन के उस आदेश का संयुक्त कर्मचारी परिषद के नेताओ ने विरोध कर दिया, जिसमें उन्होंने संगठन नेताओं से, स्थानान्तरण नीति से छूट प्राप्त करने के लिए शपथ पत्र दे, कि पूर्व में उक्त लाभ नही लिया है।

संगठन नेताओं ने शासकीय नियम से स्थानान्तरण करने की उठाई मांग


राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि शासन की नीति में प्रस्तर 12 स्पष्ट है कि किसी संगठन में चुनाव तिथि के दो वर्ष बाद तक, पदाधिकारियों में अध्यक्ष व महामंत्री का स्थानान्तरण नही किया जायेगा। जबकि निदेशक प्रशासन का कहना है कि जो पदाधिकरी पूर्व में छूट का लाभ ले चुके हैं उन्हें यह छूट नही मिलेगी। जोकि सरासर अनुचित है। उपाध्यक्ष ने परिषद के पदाधिकारियों के साथ अपर मुख्य सचिव को पत्र देकर, निदेशक प्रशासन द्वारा 22 जून को जारी निर्देश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। ताकि संगठन के पदाधिकारियों को शासनादेशानुसार, स्थानान्तरण प्रक्रिया से छूट मिल सके।

पत्रदेने वाले प्रतिनिधियों में

पत्रदेने वाले प्रतिनिधियों में अध्यक्ष एसपी तिवारी, महामंत्री आरके निगम, संप्रेक्षक आर के वर्मा, वित्तमंत्री आरपी मिणा,संगठन मंत्री नागेन्द्र भूषण पाण्डेय, सांस्कृतिक मंत्री क्रांति सिंह और संयुक्त मंत्री अजीत प्रताप सिंह यादव आदि शामिल रहे।

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