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अब ‘रण नही-याचना होगी’ सरकार नही, प्रतिनिधियों से होगी : वीपी मिश्र

30 के बाद होगा बड़ा आन्दोलन




लखनऊ। राज्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अब सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन या नारे बाजी नही करेंगे, बल्कि अपनी मांगों को लेकर अपने-अपने विधायक, विधान परिषद सदस्यों से याचना करेंगे। यह ‘याचना’ प्रक्रिया पूरे प्रदेश में प्रत्येक जनपद में हर ब्लाक पर होगी। यह निर्णय बुधवार को कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में हुआ है और जानकारी प्रदेश अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महामंत्री शशि कुमार मिश्रा ने दी।

मोर्चा द्वारा विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों को मांगों का ज्ञापन दिया जाएगा

अध्यक्ष श्री मिश्र ने बताया कि आगामी 20 सितम्बर से 30 सितंबर तक याचना की जायेगी। इसके बाद 30 सितम्बर को ही बैठक होगी, जिसमें अगले आंदोलन की घोषणा की जाएगी। आगे के आंदोलन में सी.एच.सी, पी.एच.सी ब्लॉक से मुख्यालय तक आम सभाएं भी करके जनता को भी बताया जाएगा कि हम लोगों ने कोरोना महामारी में जीतोड़ सेवाएं दी, फिर भी हम लोगों को प्रदेश सरकार वेतन समिति की रिपोर्ट के अनुसार वेतन नही दे रही है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के वेतन मिलने में केवल मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठक में सहमति मिलनी है। बढ़ा वेतन न मिलने से कर्मचारियों को आर्थिक क्षति हो रही है सिंचाई, नगर निकाय, विकास प्राधिकरण, राजकीय निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। सेवा नियमावली के लंबित होने से पदोन्नतियां नहीं हो पा रही हैं।

मोर्चा के महामंत्री शशि कुमार मिश्र ने बताया कि मोर्चा की प्रमुख मांगे है-

  1. वेतन समिति की रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक करके सार्थक निर्णय किया जाए।
  2. भत्तों की कटौती वापस की जाए व फ्रीज डी0ए0 के एरियर का भुगतान किया जाये।
  3. रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नतियां 1 माह में पूरी कराई जाए।
  4. राजकीय निगमों के कर्मचारियों को घाटे के नाम पर सातवें वेतन आयोग का लाभ, भत्तों में समानता न रोकी जाए।
  5. रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के मांगों का तत्काल सार्थक निर्णय किया जाए।
  6. स्थानीय निकाय कर्मचारी संवर्ग को राज्य कर्मचारियों की भांति संवर्ग का पुनर्गठन करके समान वेतनमान दिया जाए। दिसंबर 2001 तक के दैनिक कर्मचारियों को विनियमित किया जाए यही व्यवस्था विकास प्राधिकरण में भी लागू की जाए राजकीय शिक्षकों कों राज्य कर्मचारियों की भांति ए०सी०पी० का लाभ दिया जाए। शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर भी लागू की जाए।
  7. आउटसोर्सिंग-संविदा कर्मचारियों की सेवा मे रखने एवं विनियमित करने के संबंध में नीति बनाई जाए।
  8. कैशलेस इलाज की नियमावली तत्काल लागू की जाए रिम्बर्समेन्ट क्लेम को रोका न जाए।

राज्य कर्मचारियों के तेवर चढ़े, 30 के बाद होगा बड़ा आन्दोलन


मोर्चा के महामंत्री अतुल मिश्रा , फेडरेशन आफ फार्मासिस्ट के सुनील कुमार यादव ने प्रदेश सरकार को चेतावनी भरे लहजे से कहा कि अगर, मांगों पर 30 सितंबर 2021 तक निर्णय न किया गया तो प्रदेश के लाखों कर्मचारी ब्लॉक, पीएचसी, सीएचसी से लेकर मुख्यालय तक धरना प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी जाएगी। जनता को भी बताया जाएगा कि कर्मचारियों के महत्वपूर्ण मांगों पर निर्णय न करके आंदोलन करने को बाध्य किया जा रहा है जिससे जनता को कष्ट उठाना पड़ेगा।
बैठक में शामिल रहें


बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश मिश्र, राज्य निगम महासंघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, महामंत्री घनश्याम यादव, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र, विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन के अध्यक्ष अवधेश सिंह, माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री नंदकुमार मिश्र, , फेडरेशन आफ फॉरेस्ट के महामंत्री आशीष पांडे, राजकीय शिक्षक संघ के केदारनाथ तिवारी, माध्यमिक शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार विश्वकर्मा, सिंचाई कार्मिक महासंघ के अध्यक्ष प्रेमानंद चतुवेर्दी आदि शामिल थे।

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