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एसिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देखने वाले विशेषज्ञ डाक्टरों को पीजीआइ ने सीनियर रेजिडेंट्स बना दिया

सहायक प्रोफेसर के पद की आहर्ता पूर्ण करने के बाद भी पीजीआई में सीनियर रेजिडेट्स बने रह गए

जिन विशेषज्ञ चिकित्सकों को शिक्षक की नौकरी देनी थी, सीनियर रेजिडेंट्स ही रह गए

रेजिडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन ने मुद्दे को उठाया
लखनऊ। शासन व प्रशासन की ढुलमुल रवैय्ये से संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में कार्यरत विशेषज्ञ रेजिडेंट्स का भविष्य अधर में लटक चुका है। नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा चिकित्सा शैक्षिक संस्थानों को, तीन वर्ष की अवधि पूर्ण करने वाले रेजिडेंट्स को एसिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति देने के निर्देश दिये हैं। बावजूद पीजीआई प्रशासन ने 16 अगस्त सोमवार को सभी  रेजिडेंट्स को उसी सीनियर रेजिडेंट्स पद पर 3 माह का विस्तार दे दिया है। जिससे रेजिडेंट्स में आक्रोश व्याप्त हो गया है और सभी  ने रेजिडेंट् डाक्टर एसोसिएशन के बैनर तले आवाज उठाई और संस्थान प्रशासन के साथ ही शासन के अधिकारियों से मुलाकात कर, तकनीकी दिक्कत को समझाने का प्रयास कर रहें हैं मगर कोई हल नही निकल रहा है।

सहायक प्रोफेसर के पद की आहर्ता पूर्ण करने के बाद भी  पीजीआई में सीनियर रेजिडेट्स बने रह गए

एसोसिएशन के जनरल सेके्रटरी डॉ.अनिल गंगवार ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में सहायक आचार्य पद के लिए तीन वर्ष की रेजिडेंट्स सेवाएं आवश्यक होती हैं। एसजीपीजीआइ के विभीन्न विभागों में एमडी व एचसीएच के लगभग 58 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रेजिडेंट् सेवाएं पूर्ण कर ली हैं, संस्थान द्वारा इन्हें सहायक आचार्य के पद पर प्रोन्नित दी जा सकती थी। मगर संस्थान प्रशासन ने सीनियर रेजिडेंट्स के पद पर ही 3 माह का विस्तार दे दिया। जिससे हम सभी  रेजिडेंट्स की उमीदें टूटती नजर आ रही हैं, भविष्य में नियुक्ति मिलने के बाद वरिष्ठता क्रम प्रभावित होगा। डॉ.गंगवार ने बताया कि रेजिडेट्स की तकनीकी समस्या को लेकर आल इंडिया फेडरेशन आफ रेजिडेंट्स ने नेशनल मेडिकल मिशन के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसके बाद नेशनल मेडिकल मिशन ने, चिकित्सा संस्थानों में सहायक आचार्य के पद पर प्रोन्नित करने का निर्देश दिये थे। मगर, पीजीआइ प्रशासन ने निर्देश नही माने और हम सभी  रेजिस्डेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का मन बना लिया है। डॉ.गंगवार ने कहा कि यह समस्या, केजीएमयू व लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के भी  रेजिडेंट्स के साथ आने वाली है। जिसके लिए हमारा पूरा एसोसिएशन के पदाधिकारी कैबिनेट मंत्री चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व डीजीएमई से भी  संपर्क करेंगे और सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति की मांंग करेंगे। उक्त मांग करने वाले पदाधिकारियों में अध्यक्ष डॉ.आकाश माथुर, डॉ.श्रुति, सेके्रटरी डॉ.वसुन्धरा, लेखाकार डॉ.कनिष्क समेत तमाम रेजिडेंट्स चिकित्सकों ने सहमति प्रदान की है।

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