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भारत में पारंपरिक खेल बढ़ावा देने को देश के आब्जर्वर बने अमन शर्मा और संयुक्त सचिव बने प्रवीन गर्ग

भारत में पारंपरिक खेल बढ़ावा देने को देश के आब्जर्वर बने अमन शर्मा और संयुक्त सचिव बने प्रवीन गर्ग


पारंपरिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा, अंतरराष्ट्रीय दिवस की शुरूआत

लखनऊ। गली-मुहल्लों में बच्चों के बीच अत्यधिक खेले जाने वाले पारम्परिक खेलों को भारत में बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए 14 अगस्त 2021 दिन शनिवार को विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय दिवस यानी पारम्परिक खेल दिवस मनाये जाने की शुरूआत हो रही है। शनिवार को इंटरनेशन काउंसिल आफ टेडिशनल स्पोर्टस एंड गेम्स ‘आईसीटीएसजी’ एक अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल कांफ्रेंस का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए आईसीटीएसजी का राष्ट्रीय आब्जर्वर अमन शर्मा और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव प्रवीन गर्ग को बनाया गया है।

लंगडी,पारंपरिक मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू, गिट्टी फोड़, रस्साकशी ,अंटी-कंचे, पकड़मपाटी, गोल-गोलधानी, लट्टू आदि खेल आयोजित किये जाएंगे


यह जानकारी देते हुए प्रवीन गर्ग ने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों में खासकर उप्र में लखनऊ व अन्य जिलों में योग, लंगडी,पारंपरिक मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू, गिट्टी फोड़, रस्साकशी ,अंटी-कंचे, पकड़मपाटी, गोल-गोलधानी, लट्टू आदि खेल आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि जैसे ऐतिहासिक स्थलों और हमारी संस्कृति को यूनेस्कों सरंक्षित रखता है वैसे ही परम्परागत और ऐतिहासिक खेलों को भी आईसीटीएसजी सरंक्षित रखने का कार्य करेगी। आईसीटीएसजी को 2018 में यूनेस्को की एड हॉक एडवाइजरी कमेटी के ट्रेडिशनल गेम्स एंड स्पोर्ट्स की चौथी सामूहिक परामर्श बैठक के दौरान सदस्य राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों द्वारा के आधिकारिक प्लेटफॉर्म के रूप में मान्यता दी गई। इसके अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष खलील अहमद खान और महासचिव शम्मी राणा हैं। इस संबंध में ट्रेडीशनल स्पोर्ट्स गेम एसोसिएशन आफ इंडिया की वर्चुअल रूप से आयोजित बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पादि रीचो, महासचिव अमन शर्मा व कार्यकारिणी सदस्य द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर राष्ट्रीय महासचिव अमन शर्मा ने बताया कि 14 अगस्त को भारत में भी अंतराष्ट्रीय दिवस मनाया जायेगा।

तनावपूर्ण जीवन में हमें पारंपरिक खेलों को अपनाने की जरूरत है

प्रवीण गर्ग ने कहा कि आज के तनावपूर्ण जीवन में हमें पारंपरिक खेलों को अपनाने की जरूरत है, विशेष रूप से बच्चों को तनाव मुक्त जीवन प्राप्त करने और लक्ष्य बनाने के लिए। इन खेलों ने लोगों को संस्कृति और परंपराओं के बारे में सिखाया, हमें समाज और पर्यावरण के बारे में जागरूक किया। “पारंपरिक खेल केवल खेल नहीं हैं, वे हमें जीवन में मूल्य सिखाते हैं, जैसे लक्ष्य निर्धारित करना, दृढ़ संकल्प बनाना, टीम भावना विकसित करना और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना। “पारंपरिक खेलों और खेलों को इस तरह से संरचित किया जाता है कि वे शारीरिक क्षमता के साथ-साथ हमारी तार्किक सोच, एकाग्रता, सतर्कता और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं। अत 14 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय पारंपरिक खेल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

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