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ढाई साल के बच्चे के सिर में आकृति बदलने वाला कृत्रिम इंप्लांट लगाया अपोलोमेडिक्स में : डॉ.सुनील कुमार

सराहनीय

लखनऊ। अपोलो मेडिक्स में न्यूरो सर्जन डॉ.सुनील कुमार सिंह ने, ढाई वर्षीय बच्चे के सिर में मेडपोर इंप्लांट ट्रांसप्लांट किया है। यह कृत्रिम इंप्लांट समय के साथ ग्रोथ तो नही करेगा मगर, बच्चे की उम्र व सिर की हड्डी बढ़ने पर इंप्लांट स्वत: जरूरत के अनुसार आकृति बदलता रहेगा। इस इंप्लांट से बच्चे के सिर का आकार सामान्य सिर की तरह की बना रहेगा। यह जानकारी सर्जरी करने वाले न्यूरो सर्जन डॉ.सुनील कुमार सिंह ने बुधवार को दी।

सही करना नामुमकिन था

अपोलोमेडिक्स अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट न्यूरोसर्जरी, डॉ. सिंह ने बताया, एक वर्ष की उम्र में बच्चे को सिर पर आई चोट से सिर की हड्डी टूट गई थी और बच्चा काफी दिनों तक वेंटिलेटर पर रहा था। चूंकि सिर की हड्डी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी उस समय उसको सही करना नामुमकिन था। वर्तमान में बच्चे के अभिवावक अपोलो हॉस्पिटल में आये यहां, पर डॉ प्रार्थना सक्सेना ने बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री ली। अमूमन ऐसे मामलों में, टाइटेनियम का स्कल इम्प्लांट का प्रयोग किया जाता है, जिससे भविष्य में उम्र बढ़ने के साथ ही टाइटेनियम इम्प्लांट का आकार न बढ़ने से बच्चे के सिर में गड्ढा होने का खतरा बना रहता। मै और मेरी टीम ने, पोरस पॉलीइथीलीन निर्मित मेडपोर इम्प्लांट ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया और ओटी में ही गर्म पानी में इंप्लांट डालकर उस आकार में काटा है, जिस आकार में उसे लगाया जाना था। और सफलतापूर्वक सर्जरी संपन्न हुई। बच्चा निरंतर फॉलोअप के लिए आ रहा है और स्वस्थ है। अपोलोमेडिक्स एमडी डॉ. मयंक सोमानी ने कहा, अपोलोमेडिक्स में अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। कम उम्र के बच्चे में न्यूरो की जटिल सर्जरी करना ही सबसे बड़ी चुनौती थी।

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