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ब्राम्हण नहीं, ओबीसी मतदाता बनायेंगे प्रदेश में नई सरकार


हिन्दू-मुस्लिम व यादव मतदाता पर ज्यादा फोकस नहीं कर रही कोई पार्टी

लखनऊ। प्रदेश का चुनावी दंगल अपने चरम पर बढ़ता जा रहा है, यह चरम पश्चिम उप्र में आसानी से महसूस किया जा रहा है। चुनावी दंगल में देखा जाये तो हर दल, आगामी चुनाव परिणाम भी पूर्व की भांति ओबीसी मतदाताओं पर केन्द्रीत हैं। वर्ष 2014 में मोदी को 60 फीसदी गैर यादव ओबीसी के समर्थन से प्रदेश में भाजपा को 73 सांसद मिले थे, यहीं लोकप्रियता 2017 में कायम रहीं और भाजपा की योगी सरकार 325 विधायकों के साथ सत्तासीन हुये।

हिन्दू-मुस्लिम व यादव मतदाता तटस्थ

पार्टियों ने भी मान लिया है कि हिन्दू-मुस्लिम व यादव मतदाता तटस्थ है, इसलिए उन पर कोई पार्टी ज्यादा फोकस नहीं कर रही हैं। हलांकि प्रदेश में बने तीसरे मोर्चे ने, पूर्व के अनुमानों पर बट्टा लगाने का पूरा इंतजाम कर दिया है, कितना कारगर होंगे यह तो भविष्य ही बतायेगा।

मुख्यमंत्री योगी को प्रमोट नही कर रहें हैं

भाजपा के चाणक्य व देश के गृहमंत्री अमित शाह,पश्चिम उप्र में जनसंपर्क में व्यस्त हैं, वह ओबीसी वर्ग के जाट समुदाय को रिझाने के लिए 253 जाट प्रमुखों के साथ बैठक कर खुद को सच्चा हितैशी बता चुके हैं वहीं घर-घर संपर्क करने के दौरान वह, हिन्दू नेता का चेहरा बन चुके प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को प्रमोट नही कर रहें हैं बल्कि राष्ट्र के लिए भाजपा को वोट देने की अपील कर रहें हैं। अर्थात ओबीसी बाहुल्य क्षेत्रों में आतंकवाद, माफियावाद और कैराना व मुजफ्फरनगर के दंगों की बात तो कर रहें हैं, मगर हिन्दू मुस्लिम कार्ड नही चल रहें हैं।

ओबीसी वर्ग के गैर यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का पूरा खाका तैयार

वहीं सपा-रालोद के अखिलेश -जयंत भी जातिवाद को छोंड़कर, ओबीसी वर्ग के किसानों को रिझाने के लिए अन्न की पोटली लेकर, भाजपा के खिलाफ अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। स्पष्ट है कि दोनो ही पक्षों ने ओबीसी बाहुल्य 11 जनपदों में होने वाले 58 विधानसभा सीटों पर, हिन्दू-मुस्लिम कार्ड न चल कर सीधे ओबीसी वर्ग के गैर यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का पूरा खाका तैयार किया है।

खेल बिगाड़ना शुरू कर दिया भागीदारी परिवर्तन मोर्चा ’ने

वहीं इन दोनों की गणित को सीधे, ‘ भागीदारी परिवर्तन मोर्चा ’ने खेल बिगाड़ना शुरू कर दिया है। क्योंकि तीसरे मोर्चे के आईएआईएमआई के असवुद्दीन ओवैसी, जहां सीधे मुस्लिम कार्ड चल कर सपा व बसपा के मुस्लिम मतदाताओं की सेंधमारी कर रहें हैं, साथ ही तीसरे मोर्चे के संयोजक व जनअधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा, सीधे 7 प्रतिशत मोर्य, शाक्स, कोरी, काछी, सैनी के अलावा 7 प्रतिशत कुर्मी, 1.5 प्रतिशत गुज्जर, 7 प्रतिशत लोधी मतदाताओं को केन्द्रीत कर अपनी ओर आकर्षित कर, विभिन्न पार्टियों के संभावित परिणामों को बट्टा लगाते नजर आ रहें हैं।

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