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चुनावी बयार में सौदे बाजी में उतर आए …

संविदा कर्मियों की मांगे चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करों : योगेश उपाध्याय

लखनऊ। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अतंर्गत, स्वास्थ्य विभाग में करीब एक लाख ज्यादा संविदा कर्मी कार्यरत हैं। इन संविदा कर्मियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ,लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। सभी को वेतन अपने संवर्ग के नियमित कर्मचारियों के वेतन से आधे से भी कम मिलता है। एैसे में सभी आर्थिक दिक्कतों से जुझते रहते हैं। इम सभी अपनी मांगों को समय समय पर उठाते भी रहते हैं। मगर,ध्यान नही दिया गया। संयुक्त संविदा कर्मचारी संघ उप्र ने निर्णय लिया है कि जो पार्टी, संविदा कर्मियों की मांगों को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करेगी, संविदा कर्मी चुनाव में उसी पार्टी के साथ रहेंगे । यह बात रविवार को संयुक्त संविदा कर्मचारी संघ उप्र के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने कही।

जो हमारा न हुआ, हम नहीं होंगे उसके

प्रदेश अध्यक्ष डॉ अनिल गुप्ता ने कहा है कि समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किये जाने अथवा जॉब सिक्योरिटी एवं राज्य कर्मचारियों के समांतर समान कार्य समान वेतन प्रदान किये जाने को अपने घोषणा पत्र में उचित स्थान प्रदान करें। जिस पार्टी ने सर्वप्रथम हमारी माँगों को उचित स्थान दिया कर्मचारी उनके साथ हो लेंगें। संयोजिका सुनैना अरोड़ा ने कहा कि 5लाख आशा बहु हैं। जिनके मतों का प्रयोग किसी भी सरकार को बनाने में महत्वपूर्ण निर्णायक भूमिका सिद्ध करता है।

संविदा कर्मियों की एक जुटता से ही पूर्ण बहुमत में आई थी भाजपा

प्रदेश प्रमुख उपाध्यक्ष अम्मार जाफरी ने कहा कि विगत चुनाव पूर्व बीजेपी संविदा कर्मियों को इकट्ठा करके अधिकार दिलाओ रैली की थी। जिसके बाद पार्टी ने पूर्ण बहुमत से उप्र में सरकार बनाई थी। परन्तु विगत 5 वर्षों में सफल शासनकाल के बाद भी संविदा कर्मियों को निराशा ही मिली। संविदा कर्मचारी जागरूक हैं। वो उसी पार्टी को समर्थन देंगें जो अपने घोषणा पत्र में उनकी माँगों को उचित स्थान देगी।।अन्यथा नोटा का विकल्प खुला है।।

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