पीजीआई में 30 बेड की इमरजेंसी मेडिसिन और तैयार होंगे 2 विशेषज्ञ : डॉ.आर के धीमन
टेलीमेडिसिन विभाग के 20 वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय 17 वार्षिक अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस शुरु
लखनऊ। पीजीआई इमरजेंसी में आने वाले गंभीर से अतिगंभीर मरीजों को अपेक्षित इलाज मिल सकेगा। पीजीआई को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा न केवल इमरजेंसी मेडिसिन की मान्यता प्रदान की गई है, बल्कि 30 बेड की इमरजेंसी मेडिसिन यूनिट शुरु होगी। ये जानकारी संस्थान के निदेशक डॉ.आर के धीमन ने देते हुए बताया कि इमरजेंसी की रिससिटेशन एरिया मे सीसीयू, हाई डिपेंडेंसी यूनिट, सर्जरी की विभिन्न यूनिटें भी उपस्थिति होंगे। ताकि एक ही छत के नीचे संपूर्ण इलाज व निदान उपलब्ध हो सके।
इमरजेंसी में पीले व हरे जोन की व्यवस्था होगी
पीजीआइ के नवीन ब्लाक में अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस में पहले दिन शुक्रवार को संस्थान निदेशक डॉ.धीमन ने बताया कि उप्र में इस अत्याधुनिक इमरजेंसी का केन्द्र होगा। रोग की गंभीरता व जांचों की आदि की उपलब्धता के लिए विभिन्न स्तर पर जिम्मेदारों को जिम्मेदारी दी जायेगी। ताकि रोगी को अति शीघ्र सर्वोत्तम उपचार मिल सके। इमरजेंसी को पीले व हरे जोन की भी व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी मेडिसिन विषय में परास्नातक पाठ्यक्रम को मान्यता देने से उप्र में इमरजेंसी सेवाओं को आधुनिक बनाने में सहयोग प्रप्त होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय व पैराचिकित्सीय स्टाफ को इमर्जेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जायेगा। डॉ.धीमन ने बताया कि इमरजेंसी मेडिसिन को 30 बेड शुरु करने के साथ ही नवीन भवन की इमरजेंसी को 210 बेड का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस इमरजेंसी मेडिसिन को शुरु करने के साथ ही, विभाग में उपकरणों की खरीद फारोख्त व फैकल्टी आदि की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है ताकि नवीन भवन की निर्माणाधीन बिल्डिंग पूर्ण होते ही चिकित्सकीय सेवाएं तत्काल शुरु की जा सके।